3 important cases in the Supreme Court || Rawalpindi rejected Nawaz Sharif
Summary
TLDRالنص المقدم يتضمن نقاش شامل حول الأحداث السياسية في باكستان، ويركز على الأحداث الأخيرة المتعلقة بحركة العدالة و/people's party/، وتأثيرها على الساحة السياسية. يشير النص إلى تحركات الشارع وlas示ations/، وتأثيرها على ال-establishment/، ويذكر الدعم الجماهيري لImran Khan ودعوةه إلى ال투표. كما يشير إلى تحركات القضاء وقضايا قضائية محددة، وتأثيرها على الarena السياسية. يتضمن النص أيضًا مناقشات حول الانتخابات القادمة واحتمالات التأثير على الأحزاب السياسية والResults/results/.
Takeaways
- 📢 اصدار الأخبار: تحدث الحوار عن الأخبار الرئيسية اليومية وتطورات الأحداث الهامة.
- 📨 رسالة الخوف: تم التحدث عن رسالة إمران خان إلى الجمهور، التي كانت تتضمن تحطيم "خاف البوابة".
- 📊 تحركات الدعم: تم الكشف عن عدد الدعم الذي يرسل إلى إمران خان من مختلف المناطق.
- 🏛 محكمة الأعلى: تم التحدث عن القضايا الجيوديسية التي ستقام في محكمة الأعلى.
- 🗓️ يوم محدد: تشير إلى أهمية يوم معين في التقويم، الذي يؤثر على الأحداث القادمة.
- 🏃♂️ تحركات الجماهير: تم التحدث عن تحركات الجماهير والمشاركة في الأحداث السياسية.
- 📉 تراجع الدعم: تم التحدث عن تراجع الدعم للحزب الشعبي الباكستاني.
- 👥 مفاوضات الأحزاب: تشير إلى مفاوضات ومحادثات داخل الأحزاب السياسية.
- 🗣️ رسائل القادة: تم التحدث عن رسائل وتصريحات من قادة الأحزاب المختلفة.
- ⚖️ حكم العدالة: تشير إلى القضايا القانونية والقضايا القضائية التي تم مناقشتها.
- 📉 توقعات الانتخاب: تم التحدث عن توقعات الانتخابات القادمة وتأثيرها على الساحة السياسية.
Q & A
इमरान खान के पास किस इलाके से पैगाम भेजा गया था?
-इमरान खान के पास विभिन्न इलाकों से पैगाम भेजा गया था, जिसमें उल्लेखनीय है कि वे अपने समर्थकों को चुनाव में भाग लेने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
पाकिस्तान तहरीक इंसाफ के कितने लोग बाहर निकले थे?
-स्क्रिप्ट में विस्तार से संख्या नहीं दी गई है, लेकिन उल्लेख है कि बहुत सारे लोग पाकिस्तान तहरीक इंसाफ के समर्थक हैं और वे बाहर निकले थे।
सुप्रीम कोर्ट में आज किन मुकदमा की समात करनी थी?
-सुप्रीम कोर्ट में आज तीन केसों की समात करनी थी, जिसमें से एक महत्वपूर्ण केस था-Sahaf Yoon को एफ आईएए से हराने का मामला।
आसिफ अली जरदारी ने इस्लामाबाद वालों को किस प्रकार के पैगाम दिया?
-आसिफ अली जरदारी ने इस्लामाबाद वालों को एक ऐसी पैगाम दी है कि वे पाकिस्तान के मसाइल का हल करने की पोजीशन में नहीं हैं, और यह उनकी सरकारी नीतियों का समर्थन नहीं है।
नवाज शरीफ और उनकी पार्टी के सामने किस मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है?
-नवाज शरीफ और उनकी पार्टी के सामने चुनाव में अच्छी प्रदर्शन करने के बावजूद, उनकी पार्टी के खिलाफ कई मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है, जैसे कि चुनाव के परिणामों का प्रभाव और आगामी चुनावी रणनीति।
पाकिस्तानी जनता को कौन सी सलाह दी गई है?
-पाकिस्तानी जनता को सलाह दी गई है कि वे अपने हक के लिए मजबूत और हिम्मत से बाहर निकलो, और 8 फरवरी को इमरान खान को वोट दें।
पीटीआई की नेतृत्व जेल में है और उनके पास ग्राउंड पर कोई लीडरशिप मौजूद नहीं है, इस समय किस प्रकार का प्रभाव पड़ रहा है?
-पीटीआई की नेतृत्व जेल में है और उनके पास ग्राउंड पर कोई लीडरशिप मौजूद नहीं है, हालांकि इस समय भी लोग स्वयं निकल कर उनकी मदद कर रहे हैं, और वे चुनाव में भाग लेने के लिए तैयार हैं।
असिफ अली जरदारी ने इस्लामाबाद वालों को दिए गए पैगाम का क्या मतलब था?
-असिफ अली जरदारी ने इस्लामाबाद वालों को दिए गए पैगाम का मतलब था कि वे पाकिस्तान के मसाइलों का हल करने में सक्षम नहीं हैं, और यह उनकी सरकारी नीतियों का विरोध है।
पाकिस्तानी जनता को किस प्रकार की सलाह दी गई है?
-पाकिस्तानी जनता को सलाह दी गई है कि वे अपने हक के लिए मजबूत रहें, हिम्मत से 8 फरवरी को बाहर निकलो, और इमरान खान को वोट दें।
पाकिस्तानी जनता को किस दिन को वोट देने की सलाह दी गई है?
-पाकिस्तानी जनता को 8 फरवरी को इमरान खान को वोट देने की सलाह दी गई है।
पीटीआई की नेतृत्व जेल में है, तो लोगों का क्या कर्तव्य है?
-पीटीआई की नेतृत्व जेल में है, तो लोगों का कर्तव्य है कि वे अपने घरों में नहीं बैठें बल्कि बाहर निकले और इमरान खान को समर्थन में वोट दें।
Outlines
📰 इमरान खान और पाकिस्तानी राजनीति की ताज़ातrends
इस पैराग्राफ में इमरान खान के बारे में विस्तृत चर्चा की गई है। इसमें उल्लेख किया गया कि इमरान खान ने अपने देशवासियों को अहम खबरों के बारे में सूचित किया, और उनकी पार्टी के लिए समर्थन करने के लिए आह्वान किया। इसके अलावा, इमरान खान ने अपने花粉ा के दौरान खौफ के बुत तोड़ने की बात की और कहा कि जब लोग सही और गलत को पहचानते हैं, तो उनमें कोई डर नहीं रहता। इस पैराग्राफ में व्यूवर्स के खिलाफ भी टिप्पणी की गई है, और इमरान खान के द्वारा उनके खिलाफ भेजा गया पैगाम को विस्तार से चर्चा किया गया।
🗯️ इमरान खान के पैगाम और जनता का प्रतिसाद
इस पैराग्राफ में इमरान खान के पैगाम और जनता का उसके प्रतिसाद पर विस्तृत चर्चा की गई है। यह बताया गया कि इमरान खान ने अपने पैगाम को लेकर लोगों को एकजुट रखने के लिए कहा, और उन्होंने 8 फरवरी को लोगों को अपने हक के लिए बाहर निकलने के लिए आह्वान किया। इसमें इमरान खान के द्वारा दिए गए花粉ा और उनके द्वारा जनता के लिए दिए गए निर्देशों को भी उल्लेख किया गया है।
🏛️ सुप्रीम कोर्ट के मामले और इमरान खान के面具
इस पैराग्राफ में सुप्रीम कोर्ट के मामले और इमरान खान के面具 के बारे में चर्चा की गई है। यह बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट में आज तीन केस अदालती होने वाले हैं और इमरान खान के面具 के साथ लोगों की बड़ी तादाद में उनकी मसलों को लेकर चर्चा की गई है। इसके अलावा, इमरान खान के面具 के ऑर्डर करने वालों की संख्या में वृद्धि और वेबसाइट्स पर इसकी मांग के बारे में भी जानकारी दी गई है।
📢 इमरान खान और पाकिस्तानी जनता का आवाज़
इस पैराग्राफ में इमरान खान की आवाज़ और पाकिस्तानी जनता का समर्थन पर चर्चा की गई है। यह बताया गया कि इमरान खान ने अपने花粉ा में लोगों को एकजुट रखने और अपने हक के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया। इसमें इमरान खान के花粉ा और उनके द्वारा जनता के लिए दिए गए निर्देशों को भी उल्लेख किया गया है।
🏙️ इमरान खान के花粉ा और राजनीतिक परिदृश्य
इस पैराग्राफ में इमरान खान के花粉ा और उनके द्वारा किए गए花粉ा के राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा की गई है। यह बताया गया कि इमरान खान ने अपने花粉ा में लोगों को एकजुट रखने और अपने हक के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा, इमरान खान के花粉ा और उनके द्वारा जनता के लिए दिए गए निर्देशों को भी उल्लेख किया गया है।
Mindmap
Keywords
💡अस्सलाम वालेकुम
💡इमरान खान
💡पाकिस्तान तहरीक इंसाफ
💡सुप्रीम कोर्ट
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💡वोट
💡अहम
💡इस्तेमाल
💡अदालत
Highlights
Imran Khan's message to the nation, emphasizing unity and strength amidst challenges.
The impact of the crackdown on PTI's activities and the subsequent public response.
Details of the Supreme Court cases being heard, indicating their significance to the current political climate.
The message from Pakistan Tehreek-e-Insaf (PTI) to its workers and supporters to continue their election campaign despite obstacles.
Reports of the public's resilience and participation in rallies, showing support for Imran Khan.
Discussion on the strategy of voting as the best form of revenge against perceived injustices.
The role of the media and its coverage of the ongoing political situation in Pakistan.
Allegations of illegal arrests and the use of tear gas against protesters.
The importance of the upcoming elections and the public's role in shaping the country's future.
Asif Ali Zardari's response to the current political turmoil and his party's strategy.
The significance of the Lahore rally in showcasing public support for PTI.
Reports of nationwide protests and the public's determination to voice their opinions.
Concerns about the fairness of the election process and calls for transparency.
The potential outcomes of the Supreme Court's decisions on cases related to the establishment.
The strategy of the Pakistan Peoples Party (PPP) in the face of the current political scenario.
The public's reaction to the perceived targeting of PTI and its leadership.
The importance of the people's vote as a tool for change and justice in the country.
Transcripts
अस्सलाम वालेकुम नाजरीन मैं हूं इरफान
हाशमी और आपको प्रोग्राम में खुशामदीद
कहता हूं सबसे पहले आज की अहम खबरें और
चंद अहम सवालात हमने खौफ के बुत तोड़ दिए
पाकिस्तान का इमरान खान को यह पैगाम और यह
पैगाम किस-किस इलाके से इमरान खान के लिए
भेजा गया और पाकिस्तान तहरीक इंसाफ के
कितने लोग बाहर निकले व्यूवर्स इलाका वाइज
एक तफसील जायजा आपके सामने रखेंगे और फिर
सुप्रीम कोर्ट में आज तीन केसेस अदालती
तारीख का आज का दिन जो है बहुत ही अहमियत
का
हामिद उठाएंगे किन मुकदमा की समात सुप्रीम
कोर्ट ऑफ पाकिस्तान करने जा रहा है और फिर
व्यूवर्स हल सिर्फ इमरान खान जरदारी का
पाकिस्तान की इस्टैब्लिशमेंट को यह पैगाम
और किस अंदाज में यह पैगाम उन्होंने दिया
और उन्होंने एक लफ्ज इस्तेमाल किया कि
इस्लामाबाद से पाकिस्तान का हल जो है वह
नहीं निकल सकता और मुल्की मसाइल यानी
पाकिस्तान के मसाइल जो हैं वो इस्लामाबाद
हल करने की पोजीशन में नहीं है इस जुमले
का क्या मतलब था रावलपिंडी ने नवाज शरीफ
को क्या मुस्त कर दिया और फिर जाति उमरा
में एक हंगामी बैठक हुई है नवाज शरीफ साहब
परेशान हैं और इस बैठक से पहले पिंडी में
क्या हुआ इसकी मुकम्मल तफसील भी आपके
सामने रखेंगे लेकिन व्यूवर्स सबसे पहले
मैं आपको य बता दूं कि खान साहब ना अक्सर
कहते थे कि आपको खौफ के बुत जो वो तोड़ने
पड़ेंगे और यह पैगाम इमरान खान का पिछले
तीन बरस से पाकिस्तान की आवाम को मुसलसल
पहुंचाया जा रहा था खान साहब ने अपनी हर
तकरीर के अंदर खौफ के बुत तोड़ दो और जब
तुम खौफ के बुत तोड़ देते हो और जब
तुम्हें सही और गलत की पहचान हो जाती है
तो फिर कोई खौफ नहीं
रहता खान साहब का पैगाम था और कुछ दिन
पहले इमरान खान ने पार्टी के तमाम कारकुन
और उम्मीदवार जितने भी टिकट होल्डर्स थे
उनको यह पैगाम दिया कि अगर पार्टी के साथ
और पाकिस्तान के साथ आप संजीदा हैं और
सिंसियर है तो आपको इतवार को हर सूरत अपनी
इलेक्शन कैंपेन जो है उसे जारी करना
पड़ेगा व्यूवर्स क्रैक डाउन किया गया
रुकावटें खड़ी की गई आंसू गैस इस्तेमाल की
गई गैर कानूनी गिरफ्तारियां हुई हर किस्म
का जुल्म और जब्र हमने देखा पाकि तान में
पिछले एक हफ्ते में इसके बावजूद पाकिस्तान
निकला इमरान खान की आवाज पर पूरे
पाकिस्तान ने लब्बैक कहा व्यूवर्स आपको
बता दें कि मुल्क के हर छोटे बड़े शहर
गांव कस्बे की फिजाएं इमरान खान जिंदाबाद
के नारों से गूंजी और खान साहब ने जेल से
यह पैगाम भेजा पूरे पाकिस्तान की आवाम के
लिए कि लोगों डटे रहो दलेर रहो मजबूत रहो
मुत्ताहिद रहो पुर अजम रहो पुर उम्मीद रहो
हिम्मत रखो और 8 फरवरी के रोज अपने हक के
लिए बाहर निकलो वि हमने देखा कि जिस तरह
से लोग बाहर निकले इससे लग यह रहा है कि 8
फरवरी को एक रिकॉर्ड टर्न आउट पाकिस्तान
में हमें देखने को मिलेगा मैंने अपने
पिछले प्रोग्राम में एक जुमला पाकिस्तान
की आवाम के लिए एक इसे रिक्वेस्ट कहे एक
दरखास्त कहे कि वोट की ताकत से आप इंतकाम
ले सकते हैं वोट इज द बेस्ट रिवेंज अगर आप
यह समझते हैं कि पाकिस्तान में आपके हुकूक
जो है उन्हें पामा किया जा रहा है अगर
पाकिस्तान की आवाम यह समझती है कि उनके
मसाइल का हल जो है वह किसी भी हुकूमत के
पास नहीं है अगर पाकिस्तान के अंदर हर
तबका यह समझता है कि उसकी नुमाइंदगी करने
वाले
इक्दर्म
को बदलना होगा इसीलिए यह जुमला मैंने
इस्तेमाल किया कि वो वोट इज द बेस्ट
रिवेंज और आप जितने भी हुक्मरान हैं जो
आपसे वादे करके चले जाते हैं आपका वोट जो
है उसे खरीदा जाता है आपके वोट की इज्जत
और उसकी तकरी को तबाह किया जाता है तो
आपने इसी वोट की ताकत से इस बदले को लेना
है व्यूवर्स इस तरह ये पाकिस्तान की तारीख
के सबसे अहम इलेक्शंस में शुमार होंगे अगर
लोग बाहर निकले और लोगों का टर्न आउट जो
नजर आ रहा है कि एक रिकॉर्ड कायम
पाकिस्तान के अंदर होने जा रहा है
व्यूवर्स आपको बता दें कि कराची से खैबर
तक रात गए लोग निकलते रहे गिरफ्तारियां
होती रही लेकिन इसके बावजूद लोग पीछे नहीं
हटे टांक में तारीख की सबसे बड़ी रैली
निकाली गई लाहौर में आपको यह भी बता दें
कि हलीम खान साहब का जो हलका है ना यहां
से अली इजाज बटर ने सबसे बड़ी रैली निकाली
आमतौर पर यह तसव्वुर किया जाता है और मैं
इस चीज का यानी शाहिद भी हूं कि अलीम खान
साहब जो है ना वह अपने हल्के में पैसा जो
है ना वो पानी की तरह बहा रहे हैं
और इसके बावजूद लोगों का निकलना और जिस
तरह से क्रैक डाउन खास तौर पर इनके हल्के
में किया जा रहा है यह एक बहुत बड़ा सवाल
होगा आपको यह बता दें कि कुछ लोगों को ना
पिछले इलेक्शन में इसी हलके में
मोटरसाइकिल्स तक भी दिए गए कराची से लोगों
का समंदर जो है वह सड़कों पर निकला कराची
में अ हमें सड़कों पर लोग नजर आए तो फिर
पुलिस भी साथ नजर आई और क्रैक डाउन भी
किया गया कोएटा में बड़ी तादाद में लोग
सड़कों पर निकले डेरा गाजी खान से भी यही
खबरें आ रही हैं जहां पर लोगों की एक बड़ी
तादाद जो है सड़कों पर निकली है इसके
साथ-साथ सियालकोट में रिहाना डार का जो
हल्का है उनकी सरब आही में लोगों की एक
बड़ी तादाद जो है बाहर निकली हालांकि उनके
जो ड्राइवर को उठा लिया गया उनके
फोटोग्राफर को उठा लिया गया इसके बावजूद
लोग निकले बाजोड़ा पर भी पाकिस्तान तहरीक
इंसाफ ने एक बड़ा पावर शो जो है वोह किया
है और फिर रावलपिंडी में गिरफ्तारियां हुई
हैं दफ्तर पर छापे पड़े लेकिन इसके बावजूद
लोगों की बड़ी तादाद जो है वो बाहर निकली
है चिराल में भी लोगों की तादाद बहुत बड़ी
थी जिसे सड़कों पर देखा गया खैबर एजेंसी
में भी पाकिस्तान तरीके इंसाफ के अराकी ने
कामयाब जो है वो मार्च किया लैया में भी
पाकिस्तान तरीके इंसाफ के लोग जो हैं वो
ढोल लेकर बाहर निकले और उन्होंने अपना
एहतेजाज भी किया और फिर इसके साथ-साथ अपनी
इलेक्शन कैंपेन भी कि है व्यूवर्स आपको यह
भी बता दें कि पिशा और मानसरा में भी एक
तरफ पुलिस थी तो दूसरी तरफ पाकिस्तान
तहरीक इंसाफ की रैली थी भावल नगर में लोग
बाहर निकले हैं इस्लामाबाद में रैली
निकाली गई और फिर शोएब शाहीन साहब जब बाहर
निकले तो पता यह चला कि शायद इस्लामाबाद
में भी अब इलेक्शन का समाय जो है यानी
इलेक्शन हो रहे हैं इससे पहले कोई
एक्टिविटी आपको इस्लामाबाद में नजर नहीं आ
रही थी लेकिन शोएब शाहीन की कयादत के अंदर
जो रैली निकली है उसने यकीनन एक बहुत
जबरदस्त किस्म का माहौल जो है व
इस्लामाबाद का बना दिया है आपको यह भी बता
दें कि मुल्तान भक्कर नारो वाल में भी
पाकिस्तान तरीके इंसाफ साफ ने कामयाब
रैलियां की हैं गुजरात नौशहरा फैसलाबाद
में भी लोगों की एक बहुत बड़ी तादाद निकली
किस्सा मुख्तसर यह है जी कि पाकिस्तान के
हर शहर में तहरीक इंसाफ के लोग अपने-अपने
हलकों में निकले गिरफ्तारियां का खौफ जो
है उन्होंने साइड पर रखा और अपने हक के
लिए पाकिस्तान की आवाम जो है वह आपको
सड़कों पर नजर आएगी व्यूवर्स आपको यह भी
याद रखना है कि ये सब उस वक्त हो रहा है
जब पीटीआई की सारी की सारी लीडरशिप जेल
में है कुछ रो पोश हैं इंतखाब भी मोहिम
चलाने की उन्हें इजाजत नहीं है ग्राउंड पर
कोई भी लीडरशिप मौजूद नहीं है लेकिन इसके
बावजूद लोग अपनी मदद आपके तहत घरों में
नहीं बैठे रहे बल्कि बाहर निकले और
पाकिस्तान तहरीक इंसाफ की अब तहरीक जो है
ना यह मुल्क गीर तहरीक की शक्ल इख्तियार
कर चुकी है इमरान खान जेल से बैठकर
मुखालिफ को टफ टाइम दे रहे हैं हालात यहां
तक पहुंच चुके हैं कि पुलिस जिसके हाथ में
पाकिस्तान तरीके इंसाफ का झंडा देखती है
उसे धर लिया जाता है और आज जो एक चीज
देखने में आई इन तमाम रैली के अंदर कि
पाकिस्तान तरीके इंसाफ की जो रैली थी
जहां-जहां से भी निकाली गई ऐसे लोग भी
देखे गए जिन्होंने इमरान खान के मास्क जो
थे वह पहन रखे थे और अब पाकिस्तान तहरीक
इंसाफ के लोग बड़ी तादाद में इमरान खान के
मास्क ऑर्डर कर रहे हैं और वेबसाइट्स पर अ
लिखा हुआ आ रहा है कि ये आउट ऑफ स्टॉक हो
गए लेकिन इससे लग यह रहा है कि इलेक्शन का
माहौल और जितना आप लोगों को दबा रहे हैं
ना वो उतनी बड़ी तादाद में आपको टफ टाइम
जो है वो दे रहे होंगे व्यूवर्स आपको यह
बता दें कि बेरने मूल से पीटीआई को वोट
देने के लिए लोगों की आमद का सिलसिला भी
जारी है और इलाज ये हैं कि बैरून मुल्क
रहने वाले पाकिस्तानी 8 फरवरी को सिर्फ
इमरान खान को वोट देने के लिए पाकिस्तान
जो व आ रहे हैं और फ्लाइट्स जो हैं बहुत
सारे लोगों से जिनसे मेरी बात हुई तो
उन्होंने बताया जी कि हम बहुत जल्दी
पाकिस्तान चले जाएंगे और सिर्फ मकसद यह है
कि इस माहौल में हमने इमरान खान को तन्हा
नहीं छोड़ना मैंने कहा जी आप आकर क्या
करेंगे उन्होंने कहा जी एक ही काम हम कर
सकते हैं एक ही ताकत है हमारे पास एक ही
हथियार है हमारे पास और वह है वोट कि जाकर
हम इमरान खान की अमानत है व उसे देंगे
उसके नुमाइंदगी को जो उनके उम्मीदवार हैं
उनको देंगे उनके नुमाइंदे कान को देंगे और
हम इस फस्ताई के खिलाफ अपनी वोट की ताकत
से अपनी आवाज जो है वो बुलंद करें और
व्यूवर्स आपको यह भी बता दें कि सुप्रीम
कोर्ट पाकिस्तान में आज का दिन इंतहा
अहमियत का
हामनवा जो है वह होने जा रही है इसमें जो
पहला केस टॉप ऑफ द लिस्ट है वह है सहाफ
यों को एफ आईएफ से हरा करने का मामला जिस
पर चीफ जस्टिस काजी फाइज ईसा साहब जो है
उनकी सरब आही में तीन रुकनी बेंच इसकी
समात कर रहा है बेंच वही पुराना है जी
काजी साहब हैं मोहम्मद अली मजहर साहब हैं
और फिर जस्टिस मुसर्रत हलाली साहबा जो हैं
इस बेंच में समात करेंग अब होना तो यह
चाहिए था क्योंकि मामला काजी साहब का अपना
है तो उन्हें एक बेंच ऐसा बनाना चाहिए था
जिसको या तो मंसूर अली शाह साहब लीड करते
उसमें अतर मला को शामिल किया जाता इसके
साथ साथ जमाल मंद दुखेल साहब को शामिल
किया जाता तो फिर हम यह कहते चलें इसके
अलावा आप किसी और को शामिल करते लेकिन खुद
ना बैठते और फिर यह भी आपको याद रखना
चाहिए कि व बेंच जिसमें मुसर्रत हलाली
साहिबा शामिल है जिन्होंने बल्ले का निशान
वापस लिया फिर इसके साथ-साथ मोहम्मद अली
मजहर साहब जिन्होंने बल्ले का निशान वापस
लेने में वह भी उस बेंच का हिस्सा थे तो
अगर उस फैसले पर तन कीद हुई है तो फिर उन
जज साहिबान को यह केस नहीं सुनना चाहिए था
और फिर दूसरे जज साहिबान का यह केस जो है
वो सुन लेते हैं आपको व्यूवर्स बता दें कि
एफ आईए ने 47 सहाफी और यूट्यूब को तलब
किया है और नोटिसेज भी जारी कर दिए हैं
सुप्रीम कोर्ट से कुछ दिन पहले खबर यह आई
थी कि चीफ जस्टिस काजी फाइज ईसा साहब ने
सुप्रीम कोर्ट में सहाफी जो तंजीम है दो
अदालतों की उनके ओहदे दौरान जो थे उनसे
बात हुई और फिर चीफ जस्टिस साहब ने यह
यकीन दिहानी कराई कि जिसके जो तहफ्फुज हैं
पीर के रोज खुली अदालत लगेगी वह सा सफी
कोर्ट आए और अपने तजत से हमें आगाह करें
इसकी वजह यह भी है जी कि एक आम तासुर अब
यह सुनने में आ रहा है कि एफ आईए इस केस
में सिर्फ एक खास माइंडसेट और एक खास सोच
रखने वाले सहाफ यों को नोटिस जारी कर रहा
है सुप्रीम कोर्ट से तलाद यह भी है कि चीफ
जस्टिस यह सारे नोटिसेज खत्म करा देंगे और
उसकी बहुत सारी वजू हात हैं क्योंकि अब यह
मामला सुप्रीम कोर्ट में लगा हुआ है तो हम
इस फैसले के बाद जो है इस पर बात करेंगे
फिर फिर सिविलियंस के फौजी ट्रायल से
मुतालिक जी अदालते उजमा के 23 अक्टूबर
2023 के फैसले के खिलाफ दायर इंट्रा कोर्ट
अपीलों पर समाज जो है वह जस्टिस तारिक
मसूद साहब की सरब आही में छह रुकनी लार्जर
बेंच जो है वो करेगा और गुजर्ता समात के
दौरान इस बेंच ने सिविलियंस के फौजी
ट्रायल खत्म करने का फैसला कदम करार दिया
था जिसके बाद दोबारा से मिलिट्री ट्रायल
जो है वो शुरू हो गया था व्यूवर्स आपको यह
बता दें कि गुजर्ता समात में जस्टिस तारी
का बेंच से अलग होने से इंकार था उन्होंने
कहा ख्वाजा साहब ने कहा कि
आप इस बेंच से यानी यह उनका नुक्ता था
जिसे उठाया गया जस्टिस तारिक मसूद साहब के
सामने कि आपको इस बेंच से अलग हो जाना
चाहिए जिस पर उन्होंने इंकार कर दिया कि
मैं नहीं होता तो आप क्या कर लेंगे फिर
व्यूवर्स जस्टिस तारिक मसूद साहब ने यह
कहा कि केस सुनने से इंकार का फैसला जज की
सवाब दीद है मजरत के साथ खुद को बेंच से
अलग नहीं कर सकता जैसे सरदार तारिक मसूद
ने कहा कि दो लाइन में एक कानून की पूरी
सेक्शन को कदम करार दिया गया इसके बाद
फैसला
मतलबी कोर्ट ने कहा कि 9 मई वाकत में जेरे
रासत मलज मान का ट्रायल जारी रहेगा खुसूसी
अदालतें ट्रायल मुकम्मल होने पर तमी फैसला
नहीं सुनाएंगे मिलिट्री ट्रायल तकरीबन 100
के करीब लोगों का मुकम्मल हो चुका है इस
केस के बाद मिलिट्री कोर्ट के तहत तमाम
फैसले सुनाए जाएंगे तीसरा और अहम तरीन केस
यह है कि वजीर आजम के खिलाफ तहरीक अदम
एतमाद मुस्तर करने से मुतालिक इमरान खान
असद कैसर और फिर सदर आरिफ अलवी साहब की
दायर कर्दा दरखास्त पर जस्टिस मंसूर अली
शाह की सरब आही में पांच रुकनी लार्जर
बेंच जो है वह समात करेगा कासिम सूरी की
रूलिंग सुप्रीम कोर्ट ने कदम करार दी थी
इसके खिलाफ इसे आईन के खिलाफ करार दिया इस
पर इमरान खान ने एक अलग से दरखास्त जो है
व दायर की थी और गुजर्ता दिनों जस्टिस
काजी ईसा ने रिमार्क्स दिए थे कि कासिम
सूरी पर क्यों ना आर्टिकल 6 लगाया जाए
इससे भी आपको अदालतों का एक माइंडसेट जो
है वो पता चल जाएगा व्यूवर्स आपको यह बता
दें कि आम इंतखाब के 14 माह बाद इलेक्शन
ट्रिब्यूनल ने गुजर्ता माह कोएटा के हलके
एनए 265 से इंतखाब उजर दारी पर फैसला
सुनाते हुए डिप्टी स्पीकर कौमी असेंबली
कासिम सूरी साहब को बतौर एमएन कामयाबी को
कदम करार दिया था इसको अ लश्कर रैसानी
साहब जो हैं उन्होंने चैलेंज किया था और
फिर कासिम सूरी साहब उसके खिलाफ सुप्रीम
कोर्ट गए और वहां से स्टे ले लिया गया अब
मसला यहां पर ये है कि काजी साहब ये कहते
थे कि आपने हुकूमत भी कर ली आपने उसके ऊपर
स्टे लेकर आ गए तो ये कैसे मुमकिन है कि
आप स्टे लेकर आए और आप हुकूमत करें और फिर
सुप्रीम कोर्ट के अंदर खुफिया हाथों तक हम
पहुंच चुके हैं और सुप्रीम कोर्ट में जो
खुफिया हाथ हैं हमें इन्हें जो है इनके
खिलाफ एक्शन लेना भी आता है ये काजी साहब
के रिमार्क्स थे अब देखना यह होगा कि
खुफिया हाथों का नाम भी लिया जाएगा कि किस
तरह से स्टे लिया गया क्योंकि यह वाकई
खिलाफ आईन बात है अगर कोई अदालत किसी के
कहने पर इस्तेमाल हो रही थी तो यकीनन
उसका उसके खिलाफ जो है व एक्शन जरूर लेना
चाहिए और व्यूवर्स आपको यह बता दें कि
बलूचिस्तान में हब का य इलाका है जहां पर
आसिफ अली जरदारी साहब ने एक जलसे से खिताब
किया और आसिफ अली जरदारी ी ने इस्लामाबाद
वालों को एक पैगाम दिया वो यह कहते हैं कि
इस्लामाबाद वाले पाकिस्तान के मसाइल समझने
को तैयार नहीं पाकिस्तान के मसाइल का हल
असल जम्हूर ताकतों के पास है आपने जो जमात
बनाई और जो बनाए बनाने जा रहे हैं वह
पाकिस्तान के मसाइल नहीं समझ सकते वरना आप
आजमा कर देख ले एक बहुत बड़ा एक्सपेरिमेंट
पाकिस्तान में होने जा रहा है दो जमात
जिनका जिक्र उन्होंने किया एक है जी
पाकिस्तान तहरीक इंसाफ
पार्लियामेंटेरियंस जिसे लीड कर रहे हैं
प्रवेश हटक साहब और दूसरी आईपीपी हमने
व्यूवर्स माजी में भी पाक सर जमीन पार्टी
को बनते हुए देखा यह यकीनन उन दिनों की
बात है जब राहिल शरीफ साहब जो है वो आर्मी
चीफ थे और फिर आज यह दो जमात हमने उस वक्त
बनते हुए देखी जब एक लीडर जेल के अंदर है
और पूरी की पूरी रियासत जो है उसके खिलाफ
इस्तेमाल हो रही है अब यह बात करना उनका
कि आपने दो जमात बनाकर देख ली
यह लोग जो हैं मसाइल का हल इनके पास क्यों
नहीं है व्यूवर्स जब मैंडेट आपके पास नहीं
होता ना और आप लेटेबल के साथ मिलकर हुकूमत
बनाए और आपके पास कोई तजुर्बा ना हो तो
फिर हालात जो हैं वह आपके कंट्रोल से बाहर
हो जाएंगे और यही पैगाम आसिफ अली जरदारी
साहब ने दिया अब आसिफ अली जरदारी साहब ने
यह जो बात कही ना जो उनका पैगाम था हमने
आमतौर पर पाकिस्तान में यह सुना जब आप फौज
की बात करते हैं तो आमतौर पर कहा जाता है
अब पिंडी को ई पैगाम भेज दिया गया गेट
नंबर चार की यह पैदावार है पाकिस्तान की
एस्टेब्लिशमेंट मुक्त दर हलके ताकतवर
हल्के फैसला साज हलके और फिर और या फिर
डायरेक्टली पाकिस्तान की एस्टेब्लिशमेंट
का लफ्ज इस्तेमाल किया जाता है लेकिन यह
पहली दफा ऐसा हुआ कि आसिफ अली जरदारी साहब
ने पाकिस्तान की इस्टैब्लिशमेंट का नाम
नहीं लिया पिंडी का नाम नहीं लिया बल्कि
उन्होंने यह कह दिया कि इस्लामाबाद वाले
अब आसिफ अली जरदारी साहब कि अगर इस बात को
का हम जायजा लें तो इस्लामाबाद जो है वो
पाकिस्तान का हिस्सा है और बलूचिस्तान भी
पाकिस्तान का हिस्सा है सिंध भी पाकिस्तान
का हिस्सा है तो फिर आपने यह बात क्यों
कही कि इस्लामाबाद वाले जो हैं वह नहीं
समझते यकीनन उनका इशारा पाकिस्तान की
इस्टैब्लिशमेंट की तरफ था व्यूवर्स ये दिस
इज समथिंग न्यू इसलिए कि इससे पहले व
बिलावल को कहते रहे कि वह सीख रहा है वह
बच्चा है और फिर दो ऐसे वाक्यात ऑफ द
रेकॉर्ड जो हैं लोग शेयर करते हैं जिसमें
एक पैगाम भेजा गया था बिलावल जरदारी साहब
के लिए कि वह इस्टैब्लिशमेंट के बारे में
बातें करना जो है वह बाज आ जाएं नहीं तो
इसके कंसीक्वेंसेस होंगे अब व्यूवर्स
इसमें मसला यह है कि आसिफ अली जरदारी साहब
के पैगाम का मकसद क्या है इसका मकसद सिर्फ
यही है और वो यह है कि आप जो प्लान ए यानी
नवाज शरीफ साहब को अ वजीर आजम मुंतखाब
करवाने के लिए तैयारी कर रहे हैं यह
मुकम्मल तौर पर नाकाम होगा इसने आपको भी
मायूस करना है और पाकिस्तान की आवाम को भी
मायूस करना लिहाजा इससे बेहतर है कि उनको
कंधे से उतार लें और बिलावल भी यही पैगाम
देते हुए आपको नजर आएंगे अब कंधे पर किसको
बिठाना है पाकिस्तान पीपल्स पार्टी यह
समझती है कि अगर आप हमें कंधे पर बिठा
लेते तो शायद हम इनसे बेहतर परफॉर्म करते
यानी दोनों पार्टीज ना एक ही रास्ते पर जा
रही है एक को बिठा लिया गया एक को उतार कर
फेंक दिया गया और बिलावल जो है वह गोद में
बैठना चाहते हैं और उन्हें गोद में नहीं
बिठाया गया यही गुस्सा है जो आसिफ अली
जरदारी ने आज लफ्ज इस्लामाबाद का इस्तेमाल
करके यह निकाला है व्यूवर्स दूसरी तला यह
भी है कि पाकिस्तान पीपल्स पार्टी का
स्टेक जो इस वक्त आने वाले इलेक्शन में अ
जो
था वह कम रखने की भी खबरें आ रही हैं और
इस वजह से पाकिस्तान पीपल्स पार्टी रिजल्ट
मैनेजमेंट सिस्टम पर भी इस वक्त जो है वह
आपको तराज करती हुई नजर आएगी अब यह पीपल्स
पार्टी का स्टेक भी कम होगा फिर इसके
साथ-साथ पीटीआई तो खैर जो आपने उनके साथ
किया वह पूरी कौम के साम सामने है और फिर
आसिफ अली जरदारी साहब की बजाय मौलाना को
सदर बनाने की खबरें एक बार फिर से जो है
वह जोर पकड़ना शुरू हो गई है और अगर फजल
रहमान को पाकिस्तान का सद्र बना दिया गया
ना तो फिर हमें अल्लाह ताला से दुआ करनी
है कि इस मुल्क के हालात जो है वह ठीक
करें क्योंकि फजलुर रहमान साहब और उन जैसे
अगर मुल्क मुस्तकबिल से खेलेंगे तो फिर
पाकिस्तान की आवाम का एक फर्ज यह जरूर
बनता है कि अपने वोट की ताकत से ऐसे हालात
से पाकिस्तान को बचा या जाए और सिर्फ एक
वोट ही है ना पाकिस्तान की आवाम के पास और
क्या है और इसीलिए आपने इसे भरपूर तरीके
से आने वाले इलेक्शन में इस्तेमाल करना है
व्यूवर्स नून लीग भी पहले यही सोच रही थी
कि सद्र के इख्तियार कम करने को मंशोर में
शामिल करें और कोई भी जो डमी सदर आकर बिठा
दिया जाए मैंने इस हवाले से खबर भी आपके
साथ शेयर की और फिर यह खबर जो है व नंगली
के इंटरनल हलके जो है अंदरूनी पाकिस्तान
में उन्होंने इस बात के इस इस खबर के
हवाले से बकायदा लोगों को ब्रीफिंग भी दी
के यह अंडर डिस्कशन है कि हम सदर साहब के
इख्तियार को कम कर दें लेकिन फिर उन्हें
मशवरा यह दिया गया कि इस तरह तो कोई
लॉलीपॉप के तौर पर भी सदर की कुर्सी कबूल
नहीं करेगा क्यों इस पॉइंट को मंशोर से
निकाल ना दिया जाए यह बकायदा तौर पर इसके
ऊपर डेलिबरेशन हुई यह जो लॉलीपॉप होता है
ना कि फज रहमान साहब को इससे ज्यादा उनकी
ख्वाहिश जिंदगी की क्या होगी कि वह सदर बन
जाए और वह अपने जो करीबी हल्के हैं उनमें
इसका उन्होंने बमला इजहार भी किया फिर इस
ख्वाहिश का इजहार उनके पार्टी के लोग भी
करते हैं और फिर कई मर्तबा यह सवाल जो है
वह नवाज शरीफ साहब के सामने भी रखा गया कि
हम आपका साथ देते हैं लेकिन आप हमारा साथ
नहीं देते तो क्यों ना फज रहमान साहब को
सदर बना दिया जाए जिसे पाकिस्तान मुस्लिम
नून ने मानने से इंकार किया कि फजल रहमान
साहब जो हैं वो वक्त आने पर आंखें भी दिखा
सकते हैं और बहुत सारे मामलात में यह टांग
भी अड़ाए तो लिहाजा यह ऑप्शन जो है किसी
तरह हमें काबिले कबूल नहीं है व्यूवर्स
मैं आपको ना एक खबर और दे देता हूं
क्योंकि इस्लामाबाद और पिंडी की बात हो
रही है अब रावलपिंडी ने नवाज शरीफ साहब को
मुस्तर कर दिया है और फिर इसके बाद जाती
उमरा में एक हंगामी बैठक हुई नवाज शरीफ
साहब परेशान नजर आते हैं इसलिए कि उनकी जो
गुफ्तगू है और जो जो पब्लिक पेरेंट्स अपनी
करते हैं तो उसमें उनके अल्फाज उनका साथ
नहीं दे रहे होते आपको बता दें कि आज से
कुछ दिन पहले पिंडी में नारा लगाया गया कि
मियां तेरे चाहने वाले पिंडी वाले पिंडी
वाले मियां साहब बहुत खुश हुए क्योंकि
पिंडी की आवाम का यह नारा लगाना इलेक्शन
के करीब आने के साथ-साथ एक काफी मायनी खेज
था अब वह नारा मध्यम पड़ता जा रहा है इसकी
सबसे बड़ी वजह व्यूवर्स ये है कि शहबाज
शरीफ साहब ने पिंडी के मशहूर और तारीखी
लका लियाकताबाद के अंदर ना एक जलसा किया
है और मैं आपको यह बता दूं कि वही
लियाकताबाद है अ जहां पर दो वजरा आजम के
साथ जो है वो एक सान हुआ शहबाज शरीफ साहब
का जलसा शुरू होने से पहले सहाफ यों ने
कुर्सियों की तादाद गिनी जो बताया जाता है
कि
2767 कुर्सियां जो है वो लगाई गई और शहबाज
शरीफ की सिक्योरिटी के लिए तकरीबन 2200
पुलिस एलकार जो थे वहां पर यना किए गए और
यहां और आसपास से 14 तगड़े उम्मीदवार जो
हैं वह नून लीग में हिस्सा ले रहे हैं यह
भी मैं आपको बता दूं कि ये वो इलाका है
जहां पर नून लीग की जो तादाद है
उम्मीदवारों की एक बहुत बड़ी तादाद है और
बहुत हैवी वेट्स हैं जो इस इलाके में अ
पाकिस्तान मुसलिम नून की जो है वो
नुमाइंदगी कर रहे हैं लेकिन इसके बावजूद
चंद लोग इकट्ठे हो सके मरियम नवाज और
शहबाज शरीफ साहब और फिर नवाज शरीफ साहब जो
थे उन्होंने जलसे के फौरी बाद जो है अपना
जलसा और अपनी बैठक की और जायजा लिया गया
कि रावलपिंडी में यह जो एक फ्लॉप जलसा था
इसकी बुनियादी वजह क्या बनी और आने वाले
दिनों में पिंडी से पाकिस्तान मुस्लिम लीग
नून को जो तवक आत हैं क्या वो पूरी होंगी
या नहीं होंगी व्यूवर्स ये शो था आज का
हमारा मेरी तबीयत जरा ठीक नहीं थी तो मैं
जरा ठहर ठहर के बोल रहा था अ इंशाल्लाह
अगली वीडियो में तगड़े होके आपके सामने जो
है पेश होंगे व्यूवर्स कमेंट्स भेजिएगा
चैनल को जरूर सब्सक्राइब करें इजाजत दीजिए
अल्लाह नि केबाद
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