Prime Discussion(2413)| ਮਤਭੇਦ ਜਿੰਨੇ ਵੀ ਹੋਣ, ਰਹਿਣ ਦਿਓ ਇੱਦਾਂ ਹੀ, ਵੰਨ ਸੁਵੰਨੇ ਭਾਰਤ ਨੂੰ ਸੰਭਾਲਣ ਦਾ ਯਤਨ ਕਰੋ
Summary
TLDRThe speaker reflects on India's diversity, highlighting how people of different faiths have coexisted for centuries. He argues that India's strength lies in its plurality, not in imposing one religion. Unity in diversity should be India's guiding principle, conveying to the world how embracing differences enriches society. Respectful dialogue, not confrontation, is key. The speaker urges Indians to set aside partisanship and come together as one nation, fulfilling the vision of India as a global leader.
Takeaways
- 😀 The speaker talks about being confused on issues like nationalism, secularism and role of religion in politics
- 😟 He is disheartened seeing the declining ethics in politics and society
- 🤔 He questions if loving one's country means loving the government too
- 😠 He criticizes the intolerance and hatred between religious communities
- 🧐 He points out the contradictory stands of political parties on various issues
- 😌 He appeals for unity in diversity like a bouquet of different flowers
- 👍 He appreciates how India has managed religious diversity over centuries
- 🙏 He wants India to set an example before the world on managing diversity
- 😖 He is confused over issues like unemployment, fundamental rights and duties
- 😃 He hopes India will progress as a knowledge leader showing the path of peace
Q & A
What is the main theme of the monologue?
-The main theme is the confusion and complexities around issues like religion, politics, society etc. in India.
What religious event is the speaker referring to?
-The speaker is referring to a large religious gathering or 'Praan Pratishtha Mahotsav' that took place on 29th January.
How does the speaker feel about patriotism and the government?
-The speaker says patriotism for him is about loving the country, not necessarily the government. He is confused on whether loving the government is required for patriotism.
What incident involving a Pakistani minister does the speaker recall?
-The speaker recalls an incident where a senior Indian journalist confronted a visiting Pakistani minister about being pro-Pakistan rather than pro-Indian.
What point does the speaker make about Hindus and the temple ceremony?
-The speaker questions how one can be considered Hindu just by birth, if they don't participate in important Hindu ceremonies like the temple inauguration.
What does the speaker say about Sonia Gandhi and the arrest of Shankaracharya?
-The speaker clarifies that Sonia Gandhi was not responsible for the seer's arrest. It was the decision of the state government headed by Jayalalitha.
What point does the speaker make about accepting court judgments?
-The speaker says once the Supreme Court has given a judgment, everyone should accept it and move on instead of continued opposition.
What does the speaker say about connecting past history to current issues?
-The speaker cautions against exaggerating past events from centuries ago and connecting it to current issues.
What is the speaker's view on freedom of religion in India?
-The speaker advocates for freedom and equality of all religions in India, giving examples of how other faiths can build places of worship freely.
How does the speaker say India can become a Vishwa Guru?
-By accepting diversity but maintaining unity, setting an example for the world of managing diversity.
Outlines
😨 Disillusioned by politics and declining moral values
The speaker is disheartened seeing the decline in moral values and manipulation of religious sentiments for political gains. He discusses the Ayodhya dispute and Babri Masjid demolition.
🤔 Confused about the meaning of patriotism
The speaker struggles to differentiate between love for the nation and love for the government. He questions what it means to be patriotic.
😑 Frustrated with divisive politics over religion
The speaker vents his frustration over attempts to portray India as a Hindu nation to the exclusion of other religions. He condemns the politics of polarization.
🙄 Exasperated by false narratives and hypocrisy
The speaker is exasperated by the spread of false information, like blaming Sonia Gandhi for the arrest of Shankaracharya. He calls out the hypocrisy over the Babri Masjid issue.
☹️ Concerned about intolerance and majoritarianism
The speaker worries that democracy and diversity are under threat from rising intolerance and majoritarian claims. He appeals for unity in diversity as India's strength.
Mindmap
Keywords
💡unity in diversity
💡secularism
💡democracy
💡politics
💡harmony
💡media
💡misinformation
💡radicalization
💡pluralism
💡critical thinking
Highlights
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Transcripts
[संगीत]
डा सार द स्वागत है तुसी देख रहे हो टीवी
प्राइम एशिया ते मैं हा डा अपना जतिंद्र
पन्नू मैं तोहा नाल पत्रकार द हैसियत विच
नहीं भारत दे एक साधारण नागरिक दे तौर ते
कुछ गला करया चाहना जड़िया गला करन वास्ते
मैं पूरे सत दिन सोचता र जद मैं सत दिन
खागा ते डा सार द ध्यान सत दिन पहला द उस
घटना ते चला जाना जिन प्राण प्रतिष्ठा
समागम कहा जांदा आज 29 तारीख है वो 22
तारीख द घटना स बहुत वडा धार्मिक समागम सी
जिद धार्मिकता दे पिछे बहुत सारे लोका द
राय है कि धार्मिकता नान वद राजनीति लुकी
ई सी मैं उद बारे गला करनी आ चाहना मैं
पहला द कि मैं भारत दे एक साधारण नागरिक
दे तौर ते एक साधारण भारतवासी दे तौर ते
गल्ला करनी चाहना माफ करना मैं उस पीढ़ी
दे भारतिया
विचों जड़े जम्मे पड़े ते थोड़ा बहुत जिना
को हो सक पड़े उस दौर विच ज दौर विच तिन
चीजा ते जोर दिता जांदा सी एक मां द इज्जत
करो मां बोली द इज्जत करो दूसरी गल ती
श्री मात भूमि द ी सी मात भूमि द गल जद चल
दी सी ते भारत न माता किहा जांदा सी
दुनिया दे कई देशा अपने देश देन उथ दे लोक
पिता कहे ने पिता भूमि फादरलैंड साडे भारत
विच मात भूमि किहा जांता मैं उन्ना च मैं
कद अपने आप न इस मां मां बोली मात भूमि इ
दे प्यार दे विश्लेषण विच द व्याख्या विच
उलझ ना कद नहीं सी ख्या जिन्ना मैं इस
वेले देख रहा और मेरा ख्याल मैं कल्ला
नहीं मेरे वरग कई होर देखते होन के मैं
बहुत सारे एहो ज लोका न जानता जड़ इस पास
भी मान करद ने कि साडा फलाना वडा देशभक्त
सी तो वो जड़ा सी उने देश द आजादी वास्ते
फलाने था ते फलाना समा इना कैद कट्टी सी
पर नाल ही य दसी जांदे है साडा फलाना
ब्रह्मा द जंग विच गया सी उथे लड़िया सी
जद दूसरे संसार जंग सी मैं क कि लो लड़ सी
कहे अंग्रेज लो मैं क्या उन्ना अंग्रेज
वल्लो जिन्ना अंग्रेज दे खिलाफ उसे द
दूसरा भरा कैद वि सी कहे हां इदा दिया
मसाला मैनू आजादी मिलन तो बाद दिया भी
बहुत सारिया पता है लोकी दोव किस्म दिया
गला करी जांदे मैं फिर कवा मैं भारतवासी
होन करके भारत माता न देश द मात भूमि न
भारत न प्यार करदा पर प्यार दा मतलब यह
नहीं कि मैं भारत न प्यार करदा मैं भारत द
सरकार न भी प्यार करता मैं भारत द सरकार न
प्यार करना ना करना य मेरे वास्ते कोई
जरूरी नहीं य कोई पैमाना नहीं कि मैं
सरकार न प्यार कराते देश न प्यार ा पर तने
गल मुक नहीं जांदी मैनू ये याद है 1990 च
पाकिस्तान का विदेश मंत्री साहिबजादा
याकूब खान दिल्ली आया कई लोका न मिल उन्हा
लोका न मिलन तो बाद फिर दिल्ली दे विच एक
सीनियर पत्रकार न मिल गल्ला चलदे चल दिया
उने अपने देश पख रख ज थ वाला पत्रकार सी
उने कई नुक्ते उठाए ज उ देश बारे भी सन
भारत बारे भी सन पर व एकदम विचों कट के
कहदा कि जिन्ना मैं सोच सी तू तो उद ना
ज्यादा प्रो इंडियन है तो सीनियर पत्रकार
बुजुर्ग सी द उम्र उस वक्त 80 तो उपर सी व
विचों कट के कहदा प्रो इंडियन द की मतलब
है आई एम इंडियन फर्स्ट मैं तो है ही
भारती कोई बाहर ला होवे तो प्रो इंडियन हो
सकदा भारत पखी हो सक
ज भारती है उन भारत पखी होन द की लोड़ है
वो भारती पहला होवेगा बाकी बाद होवेगा कि
तू प्रो पाकिस्तानी नहीं प्रो पाकिस्तानी
क्यों तू पाकिस्तानी तू अपने देश न प्यार
करदा मैं अपने न करदा वो गल अपनी था पर
हालात द जायजा जद लेना आप आपो अपने देश
नाल ज प्यार है उन एक साइड ते रख के ते आप
हकीकत द गल करिए इससे तरह दिया हकीक द गल
ज मैं अ करन लगा मैं सच्ची गल न कया
मामले मैं कन्फ्यूज्ड कंफ्यूज का मतलब कि
मेरी सोच पमल फस जांदी है उस पमल
तो अगे नहीं जा रही ते मैं कल्ला
नहीं इथे बहुत सारे लोक ने बड़े विद्वान
ने स्कालर ने पत्रकार ने लीडर ने व्याख्या
का ने जड़ अपने आप न बड़े गुण ज्ञानी समझ
दे व दूसर न अकल वांड दे पर जद सवाला द
लड़ी लगदी है व कई बार मेरे तो भी व
कन्फ्यूज े पल पूसा उन्ना सामने भी पर
उन्ना च कोई मानदा नहीं मैं मानदा मैं इस
करके मानदा कि मैन बहुत कुछ ज खन न मिल
रहा जि कद भारत नाल प्यार उद नाल भारत द
सरकार नाल प्यार करना जरूरी समझ जांदा कद
ये है कि जड़ भारत नाल प्यार करने वाले
भारत नाल सरकार नाल भी प्यार करद ने वो
मुड़के भारत दे कया लोका नाल नफरत करने लग
पदे है व नफरत भी हदा टप जांदी है इस वेले
फिर नफरत हदा टप दी पई है इस भ बहुत
सारिया मिसाला ने चंगिया भी नहीं माडिया
भी नहीं अी चंगिया कनी होन ते मुक दिया
नहीं असी माडिया गनिया होन तो भी मुक दिया
नहीं मुक दिया भी नहीं ते लुक दिया भी
नहीं दो गला नहीं होया पया सान य दस्या
जांदा साडे फलाने फलाने धे सन जिन्ने राज
दिया हदा इनिया वधाइया कि अफगानिस्तान तक
खिच के ले गए पर साडे कोल य भी दस जांदा
साडे कन्ना पाया जांदा कि साडा फलाना महान
सम्राट सी जिने सम्राट ंद भी जंगा लड़ने
दे बजाय शांति द सनेहा दिता सी पर य गल
लका ली जांदी है कि शांति दा पुजारी बनन
तो पहला उने एक जंग लड़ी सी जिद विच अपने
ते पराए दोवा तर दे रला के लखा लोक मारे
जान तो बाद व शांति दा मसीहा बन गया सी जद
इनेक लोक मार लो बाकिया न डरा लो कि जंग
होवे इनेक लोक अगे मरे इनेक होर मर सकद
लोक डर दे बोलन ही ना फिर बंदे न शांति द
मसी ब विच जजक भी की हो सकदी है व शांति द
मसीहा बन गया स ले फिर शांति दिया मसीहा द
चर्चा होनही है कहे भारत एक वारी फिर
शांति दे मार्ग ते अगे चलेगा नाल क भारत
तरक्की दे मार्ग ते अगे वध रया कि भारत
विश्व गुरु बन
जावेगा बन जाओ भारत विश्व गुरु बन जाओ पर
थों दे हालात जड़ ने उन्न भी सान समझना
पवे असी लोका ने एक संविधान 1950 दे विच
अडॉप्ट कर लिया सी अपने देश विच लागू कर
लिया सी आज तक असी उद उते झगड़ी जाने हैं
क् उस कमेटी ने बनाया सी जिद अगवाई डॉक्टर
भीमराव अंबेडकर करदे सन या उस कमेटी ने
जड़िया पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सेधा
दतिया सी उन्ना सेधा मुताबिक बनया सी दो
तरह अपना अपना पख रखी जांदे ने य अपना
अपना पख रखन द लड़ाई राजनीति तो लेके धर्म
तक हर था ते खिलर पई है मैं इस गल दे उते
भी कंफ्यूज है कि लोकान अजे तक रोजगार उदा
द मिल नहीं सक जिदा द मिलना चाहिदा ते मैं
इस गल ते भी कंफ्यूज है कि हर कोई नुक्ता
चिनी करन अपना हक समझदा हर कोई एक कह कि
साडे फंडामेंटल राइट्स साडे मुड़ले ज
अधिकार ने वता आव पर मुठले अधिकारा दे नाल
मुठले फर्ज बारे कद किसे ने पढ़ कि नहीं
पढ़िया साडे कोई पढ़न तयार नहीं असी मुड़
मुड़ के अपनी मैं जड़ी व अगे रखी है सान
भुल गया कि साडे वडे डेरे रोमन ते ग्रीक
सभ्यता दे वक्त जद दो सिविलाइजेशन बड़ी
तरक्की कर रया सन महज दते हड़प्पा द साड़ी
सभ्यता साडे इस खते साडे इस देश दे विच इस
देश दे विच जड़ा कुछ हिस्सा पाकिस्तान चला
गया उद विच बहुत तरक्की ते सी साडे वडे
डेरे पक्के मला च रहदे सन साडे वडे डेरे
जड़ उन्ना दे खान दे पूजा पाठ दे इकट्ठे
बैठ के गप छप मारन दे वो सारे कमरे वखरे
सन उन्ना कोल पक्के बाथरूम होंदे सन उन्हा
दिया गलियां ते नालियां पक्कियां सन
पंचायत घर ते मठ पक्के सन तो उद पक्के सन
जद आज जड़ अकल बंड दे यूरोप वाले इन्ना दे
वडे डेरे अजे कपड़े तो बगैर जंगला च उस
तरह ही तुरे फिरदे सी जिस तरह बाकी जीव
जंत तुरे फिरदे हैं पर साडा देश जी दे उते
इन्ना मान करद हैं कि महज दड उते हड़प्पा
दी साडी सिंध घाटी द सभ्यता दे असी वासी
सा ते असी फिर पछड़ क्यों गए कद कदा भी
बुकल विच ती मारनी चाहि दी है जद असी ती
मारिए तो फिर सान ये पता लगदा है कि साड़ी
जड़ हने हने द मीरी व सान ले बैठी हने हने
द मीरी उन कहे एक एक पिंड दे विच एक एक
राजा कोई किसी न अपने तो वडा मनन न तयार
नहीं निकिया निकिया गला ते लड़ सन लड़
दिया लड़ एक दूसरे न मजबूर करद सन फिर ंदा
य सी कि ज कमजोर राजा सी व अपने आप न बचा
वास्ते
उद तो बाद फिर किसे बाहर फोर्स दे नाल
किसे बाहर फौज दे नाल किसे बाहर तड़वी नाल
अख मटक्का कर लेता सी तू आजा हमला कर
इन्ना न कुट लिए बाद विच अधा राज तेरा ते
अधा मेरा ते कई वारी ददा भी होया सी कि
बरले ताड़ विया ने जिने सद वो आप भी मारया
गया तो व आके थे काब हो गए असी बाहर ले
ताड़ विया बारे भी कंफ्यूज है जड़ अपने
देश च कुट खा के आए इथे आके सस गए असी
उन्न धाड़वी कही जाने हैं पर जड़े आए ते
लुट के ले गए वापस चले गए इथे रुके ही
नहीं उन्ना द सान चेता भुल पया इना सार
बरेवा करना पाएगा वो भी बरेवा असी नहीं
करद ईरान वाले पासे तो पता नहीं किथ किथ
घुम दे आरया लोक भारत विच आए सन असी आरिया
दे विचों इंडो आरियन जड़ी नसल अगली पैदा
हुई असी उ विचों पर सान आरिया द कद को
बुरा नहीं पख लगदा क् इथे आए ते क्यों आए
सन सन तो बाद आया हर पख बुरा लगदा असी इथे
इस गल दे उते भी कंफ्यूज है कि इथे देश दे
विच की कुछ हो र इथे हालात जड़ रोजगार दा
मुद्दा मैं पहला भी आख्या उस मुद्दे दे
उते भी कन्फ्यूज ज कोई दूसरा आके फैक्ट्री
लावे तो सान तकलीफ ी है आपसी लान जोगे
नहीं इ उते भी है कि फलाने ने आ कम कर
लिया तो मैं कर क्यों ना सक फिर दूसरे द
घर बनदा देख के भी असी तंग होने उपरों
वधाई दे आने पर अंदर सड़ी जाने हैं इसे
तरह ही अगले द थी भैण बारे टिकोरा करद पर
अपनी थी पैन द गल होते मरण मारन तक पहुंच
जाने हैं किय सारिया गल्ला दस दिया नहीं
कि असी बड़ी बुरी तरह कंफ्यूज सचमुच असी
कंफ्यूज मैं इस कंफ्यूजन दे मौके दे उते
जद मैं द चर्चा करदा पया मामला तो प्राइम
डिस्कशन द पर डिस्कशन मैं किसे होर नाल
नहीं मैं कुछ अपने आप नाल कर र कुछ अपने
दिल दे बल बले तोहा नाल सांझे कर र उद मैं
इस गल ते मुड़ मुड़ के सोचदा कि अगे ता
मैं जादा ं सी कि साडे लोग ने कंफ्यूज ने
न् मैं भी शामिल मैं बाकी लोकान क्यों आखा
इथे बारबार किया जांदा कि पंजाब द भैया
स्थान बन जाना थेता भै आ गए भैया तो परान
हिंदी किया जांदा जन अंग्रेजी ब्रदर कह लो
हिंदी भैया कह लो इ नाल कोई फर्क नहीं
पैदा सान माड़े क्यों लगते हैं असी कहने व
इथे आ गए पर साडे भी ता बाहर गया उन्न उ
नस्लवाद चलना पदा जलंधर विच एक वारी शायद
चार जने काउंसलर चुने गए म्युनिसिपल
कारपोरेशन दे विच कामयाब हो गए रौला पै
गया आज चार होया अगली बारी 14 होन गे फिर
34 होन गे फिर कारपोरेशन ते कब्जा कर
लेंगे मैं कहा फिर की फर्क प जाएगा जे एक
कारपोरेशन तो कब्जा कर लेंगे फर्क की पै
जावेगा तुसी कद सोच के इंग्लैंड द राजधानी
लंडन उद इलन कांसिल जड़ी है साउथ हाल विच
साडे गए पंजाबिया च न तक किने उथे मेयर
बने और जद मेयर बने ने तो उन्ना ने जाके
साडा पंजाब द नाम ही उच्चा कीता मैन तो
उन्ना सार ते मान महसूस ा उद लागे फिर एक
दो तीन आज शायद अठ जा नौ कांसला दे मेर
उथे ने साडे उथे साडे मंत्री बन दे ने फिर
सान बड़ा मान महसूस ा जे इथो गए हिंदू
परिवार दा भारती परिवार द मुंडा इंगलैंड
प्रधान मंत्री बन जावे साडा उने सवारना कख
नहीं क्योंकि उने वोटा इंग्लैंड ते लोका
तो बतानिया दे लो लोका तो लेनिया चलना
उन्ना दे देश दे कानना मुताबिक है पर सान
इथे घर बैठन चा चढ़ना शुरू हो जा साडा एक
मुंडा कनेडा दे ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत
मुखमंत्री बन गया उन्हा द बोली प्रीमियर
बन गया उज्जल दसाज मेरे चंगे मित्रा च
मित्र भी इस तरह दे ज आप तो थोड़ी उम्र
वडे े पर फिर भी आप तो छोटन पूरा सत्कार
मान दि मेरे तो वडे वडे ंद भी सत्कार दि
इथे बहुत पंजाब मान महसूस कीता गया उथे
जाके साडा मुख मंत्री भी बन जावे उथे जाके
साडा केंद्री मंत्री भी बन जावे उथे जाके
इंग्लैंड दे विच प्रधान मंत्री भी बन जावे
सान चा चढ़ पर इथे आए चार काउंसलर भी बन
जान तो सान बुखार चढ़ य किदा द साड़ी
सोचनी है असी सोचनी च अजे तक बाहर नहीं
निकल सके जद असी सोचनी च बाहर नहीं निकल
सके तो फिर जद मैं य सोचदा कि साडे देश दे
विच सियासत किन्नी गरक द जांदी है समाज दे
विच किन्नी गिरावट आ जा जा है वो मैनू होर
भी ज्यादा निराश कर दी मैन पता नहीं तोहा
च कोई इस तर दिया गल्ला सोचदा कि नहीं
सोचदा इस करके नहीं सोच दे क्योंकि उन्ना
कोल सोचन वास्ते होर बहुत कुछ है मेरे
वरगा वेला जा बंदा इदा दिया फजूल गला
सोचदा रहदा असी सोचते की रहने हैं अब जद
नेे होनेे एक हफ्ता पहला प्राण प्रतिष्ठा
समागम कीता गया ठीक है कानूनी तौर ते न वो
जगह मिल गई ठीक है तुसी पहला अपने भीड़ ले
के अपने जोर ना बाबरी मस्जिद टा दती सी जद
तुसी राम मंदिर बनान लगे किसे ने डा कोई
विरोध नहीं कीता तुसी बना लिया कोई गल
नहीं बना लो पर उद तो बाद जो कुछ आख्या जा
र अजीब गला ने उथे आख जा र जी फलाना आया
ते फलाना नहीं आया ज फलाना नहीं आया वो
उत्तो ता हिंदू आ जम्म भी हिंदू दे रया पर
व हिंदू धर्म न प्यार नहीं करदा वो ता
नास्तिक हो गया जे हो पैमाना रखना कि
फलाना हिंदू दे घर जमया पर उथे राम जन्म
भूमि मंदिर ते प्रधान प्रतिष्ठा समागम विच
नहीं आया इस करके व अंदर हिंदू नहीं का
सिर्फ बाहर खावे द हिंदू है तो मैं सवाल
पुछता कि हिंदू धर्म दे विच शंकराचार्य न
जगत गुरु आख्या जादा चार शंकराचार्य ने
हिंदू धर्म दे उन्ना चारा च एक भी उथे
नहीं आया कि तुसी ज लज दूसर वास्ते कहने
हो बचारे शंकराचार्य वास्ते कहोगे कि व
हिंदू नहीं गे वो हिंदू ने आज भी करोड़ा
हिंदु द मानता उन्हा मन विच श्रधा हैगी है
उन्न पूरा सत्कार दंद ने य कोई गला नहीं
एक गल य आखी जा रही है कि इ नेता जी मंदिर
बनन द विरोध कीता सी उस वक्त किसी ने की
कीता की नहीं कुछ मामले राजनीतिक भी सन
कुछ सामाजिक भी सन कुछ कानूनी भी सन वो
लड़ाइया लड़िया गईया जद सुप्रीम कोर्ट ने
देश द सब तो वडी अदालत ने फैसला करता उस
तो बाद तो गला खत्म कीया गईया एक किसम
दिया फिर भी सारि ने जद कहता कि अदालत का
फैसला भावे किंत परंतु भी ंद रहे पर फिर
सार आ अस मान मान लेन तो बाद गला खत्म
होनिया चाहिया सी फिर खना शुरू करता य ता
जी एडे पड़े ने इन् ने उद इन्ना द सरकार ी
सी सोनिया गांधी ने कह के शंकराचार्य जंदर
जड़ दखन विचों ने उन्न गिरफ्तार कराता सी
किडी फजूल गल है सोनिया गांधी ने किदा
गिरफ्तार कराता उथे तो मुख मंत्री देसी जय
ललिता लाय एंड आर्डर स्टेट सब जगत अमन
कानून उथ दे राज द जिम्मेवारी है और जय
ललिता ने सिर उचा करके आख्या सी कि इस
बंदे ने इ दि हर कियान गिरफ्तार करना पैना
उ खिलाफ दिल्ली दे विच मोर्चा लगा उथे जड़
भीड़ कठी होई जंतर मंतर अटल बिहारी वाजपई
लाल कृष् अडवाण जाके उथे बोले इना दे नाल
बापू आसाराम में गया सी वो किन्ना को सुलख
बंदा थ आज कल किथे मैं नहीं उ चर्चा जाना
तुसी सारे जानते हो पर जड़ बाजपेई ते
अडवाण ने उस दिन जयललिता न उथे पंडया सी
निंद सी सिर्फ डेढ़ साल बाद तमिलनाडु दिया
चोना आ गया वही भारतीय जनता पार्टी ते व
जयललिता इ ने उसे ना समझौता कर लिया ज
शंकराचार्य द गिरफ्तारी एडी माड़ी सी तो
उस जय ललिता ना समझौता क्यों कीता तो जे
जय ललिता ने समझौता कीता सी जयललिता ने
शंकराचार्य ने गफ्तार कीता सी तो उदा दोष
सोनिया गांधी ते किदा आया मैं इ बारे भी
कन्फ्यूज मैं इ बारे भी
कंफ्यूज कि तुसी मंदिर बनाना सी बना लिया
तुसी पूजो तुसी श्रद्धा ड़ निभाओ जिद किसे
धर्म च श्रधा उन निभाई जावे ज जा सकदा व
जावे ज नहीं जा सकदा अपने घर पूजा कर ले
जिने नहीं करनी ना करे देश द संविधान ज
नास्तिक ने उन्न भी जिंदे रहन द हक दं है
वो उदा रह लन पर इना गल्ला न लेके एक
दूसरे ते टीका टिप्पणियां पिया टीका
टिप्पणियां इ तो भी अगे वध के य आख्या जा
रया शुकर है 800 साला बाद साडा राज आया
800 साला बाद डा राज आया 800 साल पहला की
होया सी ये 800 साल पहला दिया कहानिया नाल
जोड़ के गला करनि आ इदा मतलब कि इथे एक
खास धर्म लोकान चढ़ाया जा र वो धर्म ज इस
तो वैसे ही नकरे लगा पया कद किसे ने सोच
कि उस धर्म दे लोका द गिनती भारत विच
जिन्नी है 19 पर दे करीब ने हो उ हिसाब
नाल 19 नहीं 18 पर ने उ हिसाब ना उ दिया
76 77 सीटा पार्लिमेंट चाहि दिया ने ते आज
किन्निया ने लोकसभा सिर्फ उ दिया 27 सीटा
ने वो तो पहला नकरे लगे पए ने इथे किया
विधान सभा ने जिन्ना विच उ एक भी मेंबर
नहीं उन्न मुड़ मुड़ के इस तरह दिया गला
कह के चढ़ाया जा र ला उन्न नहीं चढ़ाया जा
र दूसरा ने भी चढ़ाया जा र इथों तक आख जा
र कि हिंदुस्तान एक खास धर्म द होना
चाहिदा बाकी जड़ उन्न मन लेना चाहिदा कि
वो फलाना धर्म शेते बाकी जड़ व इथ दे
बराबरी ना करन बराबरी ना करन मैं एक सवाल
पुछता जद तुसी इंग्लैंड विच जाके हर धर्म
दे मंदिर धर्म स्थान बनाने हो न कद किसे
ने उथे बनान तो रोक तुसी कनेडा जाके बनाया
तोन किसे ने रोक न ता मुस्लिम देशा विच भी
बन गया और उन्हा दे ज हुक्मरान ने व
उद्घाटन दे मौके ते उथे हाजिर होए ने तुसी
ता उथे ज ग्राम स्टें सी उद उते भी ताड़
मारिया सी जन उते उद पुत न एक गड्डी बंद
करके जिद साड दिता गया ये कह के
साड़िया सियां द मदद करने दे बाने य
आदिवासि न क्रिश्चन बनादे फिरदे ने पर कद
किसे ने सोच कि क्रिश्चन धर्म वाले द ज
केंद्र है
जिथे वेटिकन है वेटिकन तो सिर्फ 152 मिनट
दे रस्ते दे उते उ धर्म स्थान सा भारतिया
दे भी बने होए ने उ तो कोई विरोध नहीं
कीता ज असी य आख थे व बनाने तो जद असी य
कहने कि उथ दे बंदे ज वो हौली हली साडे
धर्मा न परवान करी जा रहे साडे नाल शामिल
े जा रहे ते फिर वो भी तो कल इस तर दिया
गला सोच सक उ च क किसे ने य नहीं आख कि
भारत विच आए धर्म ज इथे लगातार वध जा रहे
तो साडा धर्म नकरे लगदा जादा वो बिल्कुल
नहीं कह रहे कद किसी ने इस तर द महिम चलाई
होवे कोई इका दुका सिर फिरते हो सकदा
बाकिया जो किसे नहीं चलाई इस वेले देश न
वास्ता रखना कि नहीं रखना सामने चोना
तुरिया होया उन्ना चोना वास्ते एक खास
किसम दा माहौल सिर्ज जा र ज मत भेदन मत
भदान लिना नहीं चाहिदा पर मत भदा दे नाते
लोकान लड़ाना भी नहीं चाहिदा असी लोकतंत्र
विच बसते हैं लोकतंत्र दे विच मत भेद रखने
कोई माड़ी गल नहीं ी लोकतंत्र विच अपनी गल
कही द है ते दूसरे द कही गल सही द है दो
गला कनिया भी िया ते सनिया भी िया असी य
चाहने कि जो मेरे मन आया जो मेरे मुह आया
मैं सब कुछ कह दिया पर दूजा कोई ना कवे ज
दूजा कवे तो मेरी बेजती है य गल नहीं इस
लोकतंत्र दे विच सारे लोक जड़ ने उन्ना दे
हक ग ने असी इस भारत न एक गुलदस्ते दे तौर
ते समझिए उस गुलदस्ते दे तौर ते जिद विच
वनस वन्ने फुल ने हर फुल दा अपना रंग है
हर फुल द एक अपनी मैक है जे भारत वासता
रखना ज सचमुच न विश्व गुरु बनाना ते विश्व
दे सामने दुनिया दे सामने एक एहो जीी
मिसाल एक एहो जी उदाहरण एक एहो जी
एग्जांपल पेश करनी पवे गी कि देखो इन्नी
वनस मनता इनी अनेकता विच एकता अते एकता
विच अनेकता दे बावजूद जे भारत वसदा रह
सकदा ते दुनिया वालेयो तुसी भी सिखो उस
भारत तो सिखो ज प्रा प्राचीन समया तो लेके
आज तक अपनी इस ज विनता अपनी वनस मनता उन
साभ बैठा मैं इनिया बेतिया नाल ा सार
धन्यवाद करना चाहना देखते रहो टीवी प्राइम
एशिया डा अपना
तो i
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Samvidhaan - Episode 1/10
“I defy you to show me discrimination…” EAM S Jaishankar’s challenge on minority issues in India
Diversity is the New Nationality | Capt. Raghu Raman | TEDxGateway
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