नीतीश के शपथ लेते ही भड़क उठी बिहार की जनता || Nitish Kumar || tejaswi yadav || bihar news
Summary
TLDRDas Video-Transkript scheint eine Diskussion über die politische Landschaft in Bihar und die Rolle von Nitish Kumar, dem ehemaligen Chief Minister von Bihar, zu behandeln. Es wird auf seine politischen Entscheidungen und Wechsel hin und her zwischen verschiedenen Parteien hingewiesen, was zu Kritik und Diskussionen in der Öffentlichkeit führte. Der Text thematisiert auch die Reaktionen der Bevölkerung auf die politischen Ereignisse, die Herausforderungen für die Regierung und die Auswirkungen auf die Wähler, die zwischen den verschiedenen Parteien wählen. Es wird auch auf die zukünftigen politischen Entwicklungen und die bevorstehenden Wahlen in Bihar und Indien eingegangen, unterstrichen durch die Meinungen und Reaktionen von Beobachtern und potenziellen Wählern.
Takeaways
- 👥 Die politische Landschaft in Bihar scheint sich im Fluss zu befinden, mit Nityananda Kumar als zentrale Figur, die verschiedene Rollen einnimmt und zwischen verschiedenen Parteien wechselt.
- 🤔 Die Bevölkerung von Bihar ist besorgt über die politische Instabilität und die möglichen Auswirkungen auf die Entwicklung des Staates.
- 📉 Die Glaubwürdigkeit von Nityananda Kumar und seiner Partei könnte durch seine politischen Umschwünge beeinträchtigt sein, was Unzufriedenheit unter der Bevölkerung und Verlust von Unterstützern zur Folge haben könnte.
- 🏛️ Es wird angedeutet, dass die Regierung unter der Führung von Nityananda Kumar in Bezug auf die Schaffung von Arbeitsplätzen und Entwicklungsmaßnahmen hinter den Erwartungen zurückbleibt.
- 💭 Die Bevölkerung hat eine klare Meinung über die politische Situation und würde eine stabile, effiziente Regierung mit klaren Visionen und einer festen politischen Linie bevorzugen.
- 👥 Die Rolle, die Nityananda Kumar in der indischen Politik spielt, wird als wichtig angesehen, und es wird diskutiert, wie seine Entscheidungen die Zukunft von Bihar und möglicherweise Indien beeinflussen könnten.
- 🤝 Diskussionen über mögliche Koalitionen und politische Bündnisse vor den kommenden Wahlen, einschließlich der Rolle von Nityananda Kumar und wie seine Entscheidungen die Machtbalance beeinflussen könnten.
- 📉 Die Kritik an der Regierung bezüglich der Arbeitsplatzversorgung und der Verteilung von Ressourcen, mit dem Einwand, dass die Qualität der angebotenen Arbeitsplätze und der Entwicklungsmaßnahmen unzureichend ist.
- 🗣️ Die Forderung nach Transparenz und Rechenschaftspflicht der Regierung, einschließlich der Forderung, dass die Regierung ihre politischen Pläne und die Verwendung öffentlicher Gelder offenlegen sollte.
- 👉 Die Betonung der Bedeutung der bevorstehenden Wahlen für die Zukunft von Bihar und Indien, mit der Aussicht, dass die Ergebnisse die politische Landschaft erheblich beeinflussen könnten.
- 👎 Es gibt eine allgemeine Unzufriedenheit und Kritik an der politischen Führung, insbesondere in Bezug auf die mangelnde politische Stabilität und die Unsicherheit über die politischen Absichten und -ziele.
Q & A
Was ist der Hauptinhalt des Transkripts?
-Das Transkript scheint eine Diskussion über die politische Landschaft in Bihar zu handeln, insbesondere in Bezug auf die politische Karriere von Nitish Kumar, seine Entscheidungen und die Reaktionen der Bevölkerung auf diese.
Welche politische Parteien werden in dem Transkript erwähnt?
-Die politischen Parteien, die im Transkript erwähnt werden, sind die RJD (Rashtriya Janata Dal) und die BJP (Bharatiya Janata Party).
Was ist Nitish Kumars aktueller politischer Stand?
-Nitish Kumar ist der Chefminister von Bihar und hat kürzlich seine Amtszeit als Chief Minister erneut bestätigt.
Welche Meinungen werden im Transkript über Nitish Kumars politisches Verhalten geäußert?
-Das Transkript enthält eine Mischung aus Kritik und Lob für Nitish Kumar. Einige Teile des Textes kritisieren seine politischen Entscheidungen und Wechsel, während andere seine Fähigkeiten als Chief Minister hervorheben.
Worauf konzentriert sich die Diskussion über die politische Situation in Bihar?
-Die Diskussion konzentriert sich auf die politischen Umschwünge in Bihar, die Beziehung zwischen Nitish Kumar und verschiedenen politischen Parteien, sowie die möglichen Auswirkungen dieser Dynamik auf die zukünftige Regierung und Entwicklung des Staates.
Welche Rolle spielt Tejashwi Yadav in der Diskussion?
-Tejashwi Yadav wird als wichtige politische Figur in Bihar erwähnt, die eine bedeutende Rolle in der gegenwärtigen politischen Landschaft spielt und möglicherweise in zukünftigen Wahlen eine Schlüsselrolle einnehmen wird.
Was ist der Meinung des Sprechers über die politische Vergangenheit von Nitish Kumar?
-Der Sprecher kritisiert Nitish Kumars politische Vergangenheit, insbesondere seine Wechsel zwischen verschiedenen politischen Parteien und die damit verbundenen Versprechen und Enttäuschungen.
Wie geht der Sprecher über die politische Verantwortung von Nitish Kumar hinweg?
-Der Sprecher thematisiert Nitish Kumars politische Verantwortung und fragt, ob seine Entscheidungen im besten Interesse von Bihar und seiner Bevölkerung getroffen wurden.
Welche politischen Ereignisse werden im Transkript erwähnt?
-Das Transkript erwähnt die Wiederholung von Nitish Kumar als Chief Minister, politische Umbrüche und die bevorstehenden Wahlen, einschließlich der Lok Sabha-Wahlen.
Was ist der Ton des Transkripts in Bezug auf die politische Situation in Bihar?
-Der Ton des Transkripts ist kritischer und reflektiert eine Mischung aus Besorgnis, Unzufriedenheit und der Hoffnung auf eine bessere politische Führung für Bihar.
Wie geht das Transkript mit der Frage um, wer für die Entwicklung von Bihar verantwortlich ist?
-Das Transkript diskutiert die Verantwortung für die Entwicklung von Bihar und legt den Schwerpunkt auf die Rolle der politischen Führung, insbesondere von Nitish Kumar, sowie die Erwartungen der Bevölkerung.
Outlines
😀 राजनीतिक बदलाव और नीतीश कुमार के बारे में जनता की राय
इस अनुच्छेद में विभिन्न राजनीतिक दलों और उनके नेताओं के बारे में जनता की राय प्रकट होती है। विशेष रूप से, नीतीश कुमार और उनके करियर के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है, जैसे कि वे आरजेडी और बीजेपी के बीच में कौन सी भूमिका निभा रहे हैं, और उनके नेतृत्व के तहत बिहार में हुए बदलाव। जनता के प्रति उनके प्रतिक्रिया और उनके नीति और कर्मों के प्रति उनकी राय भी इसमें शामिल है।
😐 लोकसभा चुनाव और नीतीश कुमार के करियर की विश्लेषण
इस अनुच्छेद में लोकसभा चुनाव के आगामी और नीतीश कुमार के करियर के विभिन्न पहलुओं को विश्लेषण किया गया है। चर्चा में शामिल है कि नीतीश कुमार की राजनीतिक शिफ्टिंग और उनके द्वारा किए गए निर्णयों के परिणाम। इसके साथ-साथ, जनता के प्रति उनके प्रतिक्रिया और उनके राजनीतिक निर्णयों पर विचार भी शामिल है।
😟 बिहार की राजनीति और जनता की समस्याओं के प्रति प्रतिक्रिया
इस अनुच्छेद में बिहार की राजनीति और जनता के साथी समस्याओं पर चर्चा की गई है। विशेष रूप से, नीतीश कुमार और उनके राजनीतिक आदेशों के प्रति जनता की प्रतिक्रिया को हल किया गया है। चर्चा में शामिल है कि जनता कौन सी राजनीतिक दलों और उनके नेताओं को समर्थन कर रही है, और वे बिहार के भविष्य के लिए कौन सी उम्मीदें रखते हैं।
😡 नीतीश कुमार और उनके राजनीतिक आदेशों पर जनता की नाराजगी
इस अनुच्छेद में नीतीश कुमार के राजनीतिक आदेशों और उनके नेतृत्व के प्रति जनता की नाराजगी प्रकट होती है। जनता ने उनकी राजनीतिक निर्णयों और उनके कर्मों के प्रति अपनी राय देते हुए, उनके खिलाफ कई आरोप भी लगाते हुए। इसके साथ-साथ, जनता की समस्याओं और उनके उद्देश्यों को भी इसमें हल किया गया है।
😒 बिहार के विकास और राजनीतिक दलों के कर्मों पर विचार
इस अनुच्छेद में बिहार के विकास और राजनीतिक दलों के कर्मों पर विचार किया गया है। विशेष रूप से, नीतीश कुमार के नेतृत्व के तहत राज्य के विकास की स्थिति को विश्लेषण किया गया है। जनता उनके निर्णयों और उनके द्वारा किए गए कार्यों के प्रति अपनी राय देते हुए, उनके राजनीतिक आदेशों के प्रति अपनी नाराजगी भी प्रकट करती है।
Mindmap
Keywords
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💡जनता
💡अनपेक्षित परिवर्तन
💡विकलांगता
💡विकास
Highlights
वो दाए करवट लेते हैं तो आरजेडी नजर आता, है और बाए करवट लेते हैं तो बीजेपी नजर आता है।
तेजस्वी ने 15 महीने में बहुत नौकरियां दी है, कोई नहीं दिया बिल्कुल गलत नहीं है।
राजनीति में राज के लिए नीति अदला बदला जा सकता है बदलना चाहिए।
तेजस्वी यादव ने एक काफी महत्त्वपूर्ण बयान दिया है कि अभी तो खेल बाकी है।
2024 के चुनाव में इंडिया गठबंधन काफी महत्त्वपूर्ण हो जाता है।
नीतीश कुमार ने नौवी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, पर क्या जनता को वह ठीक लग रहा है?
तेजस्वी यादव की सरकार ने 17 साल की नीति को 17 महीने में कर दिया।
नीतीश कुमार के बारे में उनकी क्रेडिबिलिटी बिहार में खत्म हो गया है।
जनता से पूछा है कि नीतीश कुमार की सरकार के साथ क्या महसूस हो रहा है।
विधानसभा भंग हो जाएगा, यह चुनाव से पहले उलटफेर हो रहा है।
जनता को लगता है कि नीतीश कुमार के चलते भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को वोट नहीं देंगे।
बीजेपी और आरजेडी के बीच में राजनीतिक पलटू发生了重大变化。
जनता का अनुरोध है कि नीतीश कुमार अपनी करियर के आखिरी फैसले के रूप में इस समय को देखें।
बिहार की जनता ने एक सिंगल पार्टी सरकार की मांग की है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर बीजेपी में नहीं जाएंगे तो मर जाएंगे।
नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार का विकास और जनता की आशाओं को ध्यान में नहीं लिया गया।
जनता का मानना है कि नीतीश कुमार के निर्णय बिहार के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
बीजेपी के साथ-साथ जदू का भी जो है, पतन होगा बिहार में।
जनता के लिए नीतीश कुमार यादव और उनके कार्यों का कोई विश्वास नहीं है।
Transcripts
वो दाए करवट लेते हैं तो आरजेडी नजर आता
है और बाए करवट लेते हैं तो बीजेपी नजर
आता है 15 महीने में तेजस्वी ने बहुत
नौकरियां दी है कोई नहीं दिया बिल्कुल गलत
नहीं है राजनीति में राज के लिए नीति अदला
बदला जा सकता है बदलना
चाहिए बिहार में पलट मार रहे हैं जब
प्रधानमंत्री बन जाएंगे तो क्या पता किसी
को देश को पलती मार द तो फिर क्या होगा
यहां की लड़की बफ सीएम बफ जी आज नीतीश
कुमार ने बिहार का मजाक बना दिया जनता
जनता से पूछा खेला बाकी है भैया विधानसभा
भंग होगा हां विधानसभा
भंग नेशनल
पिलर देश की आवाज नमस्कार एक बार फिर से
आप सभी का स्वागत है मैं मीरा राजपूत आज
नीतीश कुमार ने नौवी बार मुख्यमंत्री पद
की शपथ ली पर क्या जनता को वह ठीक लग रहा
है जो लगातार उनके दल बदल रहे हैं वह
कितना बेहतर साबित होंगे बिहार की जनता के
लिए और साथ ही साथ 24 24 के चुनाव से ठीक
पहले यह जो उलटफेर हुआ है वो कितना बड़ा
उलटफेर साबित होगा क्योंकि देखिए नीतीश
कुमार इससे पहले भी कई बार इधर से उधर उधर
से इधर जा चुके हैं पर इस बार काफी
महत्त्वपूर्ण यह है कि 2024 के चुनाव से
ठीक पहले वह दूसरे दल की तरफ जा बैठे हैं
पर तेजस्वी यादव की मैं बात करूं तो
तेजस्वी यादव ने एक काफी महत्त्वपूर्ण
बयान दिया है यह साफ तौर पर और सीधे-सीधे
कहा है कि अभी तो खेल बाकी है कौन सा खेल
रच रहे हैं ऐसे कौन से पन्ने हैं जो
तेजस्वी यादव बयानों के जरिए अपनी बातों
में कह रहे हैं कि अभी तो खेल बाकी है कौन
सा नया खेल शुरू होने वाला है विपक्ष के
लिए कितनी बड़ी मुसीबत है क्योंकि देखिए
2024 के चुनाव में इंडिया गठबंधन काफी
महत्त्वपूर्ण हो जाता है वही एनडीए गठबंधन
पर जो बिहार की सियासत में हुआ पूरा देश
देख रहा है और जानना भी चाहता है कि बिहार
की जनता क्या सोचती है तो देखिए भैया आ
चले हैं हम यह पटना का जंक्शन है रेलवे
स्टेशन पर आ गए हैं काफी यहां पर यात्री
कह लीजिए या फिर जो लोग रोज यहां पर अपना
आते जाते हैं छोटा मोटा काम ठियाला हुआ है
वो लोग हैं तो भैया जोरदार स्वागत कर
लीजिए ताली बजा कर के
अपना देखिए नितीश कुमार जिस तरीके से आपके
स्वागत में लगे हुए
क्या कहना चाहते हैं कि कभी आरजेडी कभी
बीजेपी क्या कहना चाहते नीतीश कुमार चिपको
आंदोलन है आप लोग
आंदोलन जदा बड़ शब्द नहीं बोल दिया हमको
तो डर लगवे नहीं करता है प्लस पॉइंट है
ठीक है हम बिहार से बिलंग करते हैं और
शिक्षित उम्मीदवार जो लीडर की बात आप जो
बोल रहे हैं कि जो तेजस्वी यादव खेला करना
चाहते हैं खेला तो चकि हो चुका ठीक है ना
अगर वो छोटा सा लोभ नहीं करते 9 महीना 10
महीना का अगर लोभ नहीं
तो बिहार का पूरी नौजवान पू अग और पिछ
दलित और महादलित पूर्ण रूप से सरकार
तेजस्वी यादव के रूप में देखना चाहता
था तेजस्वी यादव ने एक बयान दिया कि जो 17
साल नीतीश कुमार बीजेपी के साथ रह कर के
नहीं किए वो हमने उनके साथ 17 महीने में
कर लिया ऐसा आपको क्या लगा कि तेजस्वी
यादव ने वाकई काम किया तो नीतीश जी के य
पूछिए कि नीतीश जी के कहां पर दिक्कत होता
है न बीजेपी में जाते हैं न आरजेडी में
जाते हैं छ महीना उसको साथ में रहते महीना
उसको साथ में रहते हैं एक मुखिया एक बार
शपथ ग्रहण लेता हैय मुख्यमंत्री होकर 7
बार शपथ ग्रहण लेने का काम करता है तो
मुरे
7 7
बार समय खत्म है मेरे पास कम है हमारे
बारे में नीतीश कुमार आदरणीय नीतीश कुमार
जी बिहार के मुख्यमंत्री जो थे थे ठीक है
उन्होंने इतिहास में आने वाली पीढ़ियों के
लिए एक एजुकेशन में एक ड छोड़ दिया जो लिख
आज के आने वाली पीढ़ी में बच्चों आएंगे जो
नए जनरेशन आएंगे उनको पढ़ाया जाएगा कि
बिहार में एक ऐसे मुख्यमंत्री भी थे
जिन्होंने 18 साल के कार्य में नौ बार
इस्तीफा दिया नौ बार शपथ ग्रहण किया ऐसे
वो नीतीश कुमार जी थे जो किसके लिए वो
किसके लिए वो सिर्फ कुर्सी के लालच के लिए
सिर्फ सत्ता के लिए सता की आवाज है जो
रेलवे स्टेशन पर खड़ी है है कि
मुख्यमंत्री रहते हुए मुख्यमंत्री बनने के
लिए इस्तीफा दे दे वैसा मुख्यमंत्री हमको
नहीं चाहिए देखिए सुनि
मिनट सब जितना नेत है ना सब नौकर है मालिक
कौन है जनता जनता से पूछा है ही कहे नहीं
पूछा जनता से को पूछ पूछना चाहिए जनता से
ना जनता से क्यों नहीं पूछे वो वन सेकंड
रुकिए जनता से नहीं पूछा खेला कर लीजिएगा
कभी से चिपक जाए उससे चिपक जाए गर्लफ्रेंड
है कि उसके किसी से भी चिपक जाते है मेहरा
की तरह अच्छा ये बताइए जिस तरीके से ये
बातें चल रही है कि 2024 से पहले वो गए
हैं यहां पर थोड़ा सा शांत हो जाए हम भी
कुछ बात
कर भारत में जी रौन रोकेगा बो अरे मेरी
बात सुन लीजिए लोकसभा चुनाव देश का सबसे
बड़ा चुनाव आने वाला है स्थिति क्या है
जनता क्या सोच रही है और वाकई इस बार क्या
होना गड्डा में गिरने वाला जो चचा है ना
इस हम लोग को भरोसे नहीं है तो को तो हम
लोग कह रहे कि आपका पैर भी छु के तो नहीं
लीजिए इसको अगर लीजिएगा तो सबसे बड़ा घटा
आपको है मतलब आप क रहे इस ब ती कुमार पैर
भी छ पैर ही पक ते याद आपका एकदम दो दिन
तक फिर भी नहीं लीजिए उसको भया बीजेपी में
चले आप कहे आएंगे बीजेपी वाला तो उसको
पकड़ के लेया है जी उसको मना के लाया है
तो हम लोग जो आरजेडी जो है ना कभी बीजेपी
के साथ नहीं गए है नहीं जाएगी आरजेडी में
जाना कोई भी सरकार है चलेगा आरजेडी का
यहां बिहार में सत्ता आरजेडी का ये आपको
बिल्कुल भी कतई बर्दाश्त नहीं है कि वो
उधर गए हैं बिल्कुल हम लोग को कोई फर्क भी
नहीं पड़ेगा जी का फर्क पड़ेगा इसका क्या
अस्तित्व है जो यहां छ महीना यहां छ महीना
वहां मुख अस्तित्व ही नहीं
है इसमें अपने बदौलत क्या बने बताइए तो
चलिए अपने बदौलत की बात आ गई है जल्दी से
बता आप बताइ मैडम नीतीश कुमार जो हैं
नीतीश कुमार को मैं तब से फॉलो कर रहा हूं
जब से ये लोग 15 16 साल के होंगे और नीतीश
कुमार एक समय था कि बिहार में नीतीश कुमार
जब 2005 से 10 तक था तो नीतीश कुमार एज ए
हीरो थे लेकिन आज नीतीश कुमार ने बिहार का
मजाक बना दिया है ठीक है ना इतने इतना अरे
जस्ट मिनट जितनी बार पल्टी खाए और मुझे तो
बड़ा आर्ज लग रहा है कि ऐसा ना हो कि
नीतीश कुमार अगर मुख्यमंत्री पद पे अगर आज
अगर रह जाए और कल अगर हट जाए तो हो सकता
है अपना प्राण भी त्याग दे क्योंकि नीतीश
कुमार को सत्ता से प्रेम है नीतीश कुमार
के बिहार के जनता से प्रेम नहीं है बिहार
के प्रेम नहीं है हां सत्ता से प्रेम है
और दूसरा चीज है कि जिस नीति और सिद्धांत
और शपथ की बात करते थे नीतीश कुमार ने
इतना बार शपथ और मतलब अपना नीति को तोड़ा
है कि अब नीतीश कुमार से मतलब जो है उन
परे कोई विश्वास नहीं है नीतीश कुमार
सिर्फ एक कुर्सी के लिए हैं नीतीश कुमार
इज फॉर चेयर नीतीश कुमार इज मली फॉर चेयर
एंड नितीश कुमार इज ओनली बाय द चेयर हम
लोग तो एडवोकेट हैं और हम लोग एक बड़े
वकील के साथ मैं रहता हूं लेकिन एज जूनियर
मैं उनका काम करता हूं तो मुझे मुझे तो
देखिए भैया पार्टी से कोई एलर्जी नहीं है
मेरे पास राजत के भी बहुत सारे लोग आते
हैं हाई कोर्ट में जाद जादू के भी है
भाजपा के भी और छोटे-छोटे नेता भी आते हैं
जनता भी आते हैं तो मैं भाजपा के
कार्यकर्ता से पूछ रहा था तो बोले कि क्या
हाल है शर्मा जी क्या हाल है कहना चाएगा
तो कह रहे थे क्या बोले वकील साहब जनता
लोग हमको बहुत दौड़ा दौड़ा के मारेगा मैं
राजत के लोगों से भी पूछ रहा हूं तो कहे
कि नीतीश कुमार के जाने से हम लोग सर बहुत
अच्छा हो गए हम लोग रिफ्रेश फील कर रहे
हैं मतलब आप कह रहे हैं आप एक एडवोकेट है
और आप निष्पक्षता से ये बात कहते हैं कि
जो नितीश कुमार कर रहे हां नहीं नहीं एक
मैंने बीजेपी के ए एमपी से पूछा तो
उन्होंने कहा कि वी वाज फीलिंग रिफ्रेश हम
लोग रिफ्रेश महसूस कर रहे थे लेकिन अब कह
रहे हैं कि हम लोग संकुचित महसूस कर रहे
हैं जनता हम लोग को बहुत मारेगी और एक
मैंने राजत से पूछा तो बोला आर फ्र फ्री
मतलब
फ टेकिंग ब को पता है कि नाराजगी है लोगों
में आप ये कह बीजेपी को नाराजगी में नहीं
है बीजेपी का दुख दुख इस बात का है कि
बीजेपी का कोई भी नेता में दम नहीं है
क्षेत्रीय नेता में और जो शीर्ष नेतृत्व
ने कहा और शीर्ष नेतृत्व भी है जो बिहार
की स्थिति को अच्छा से नहीं मतलब मतलब कर
पा रहा है और मुझे तो दुख हुआ नीतीश कुमार
के अगर आज नीतीश कुमार अगर आ गए तो मैं
सारा कुकर्म शह के राष्ट्र हित के लिए
बीजेपी को वोट देता लेकिन अब मैं श्यर है
कि बीजेपी को वोट नहीं दूंगा नीतीश कुमार
के चलते चलिए भैया अलग-अलग एंगल निकल रहे
हैं आप कुछ कह
ला दिस नीतीश कुमार की बात कर रहे हैं वो
नीतीश कुमार अगर चित्ते सोए रहते ना तो
कभी हिंदुस्तान कीय बिहार की जनता कभी
बगड़ती नहीं वो दाए करवट लेते हैं तो
आरजेडी नजर आता है अब बाए करवट लेते हैं
तो बीजेपी नजर आता है सुबह में उनको
आरजेडी नजर आता है शाम में बीजेपी नजर आता
है ये ऐसे व्यक्ति हैं इनका इनका दौर कहां
तक है मालूम है मैडम का दौर है सिर्फ
ससुराल से नहियर तक ठीक है ससुराल से
नहियर तक का दौर है नितीश कुमार जी का ठीक
है ससुराल से नहियर ये ऐसे व्यक्ति हैं जो
बिहार की राजनीति पूरे वर्ल्ड में जानता
था कि बिहार की हिंदुस्तान की राजनीति
बिहार से चालू होता है बिहार में खत्म
होता है यह नीतीश कुमार पूरी राजनीति को
खत्म करने का काम किया है तरफ शपथ लिए हैं
दूसरी तरफ दूसरी सरकार बन गई है तीसरी तरफ
मैं बात करूं तो राहुल की एक यात्रा चल
रही है विपक्ष के एक नेता की तो उसको लेकर
के क्या सोचते हैं और यह नया जो गठबंधन
तैयार हुआ है इंडिया गठबंधन नीतीश के जाने
के बाद कितना हल्का पड़ेगा या लगता है
हल्का पड़ेगा भी या नहीं नी नीतीश बाबू
खुद हल्के हो गए हैं गठबंधन में क्या फर्क
पड़ेगा कोई फर्क नहीं पड़ेगा हां खुद
हल्के हो गए हैं वो ठीक है आने वाले समय
में उनकी जमानत जपत हो जाएगी ठीक है और
लंदा में जहां पर उनका बख्तियारपुर में
जहां उनका घर हुआ करता है वहां पर तीन
मर्तबा चार
मर्तबा ऐसे शब्द ना बोले नहीं नहीं अरे ये
हकीकत है मैडम ये हकीकत है ये हकीकत
है बोलिएगा तो आपके चैनल प हम वीडियो भेज
भी देंगे अभी क्या सोचते हैं कि आगे क्या
होना चाहिए 2024 में क्योंकि हम आए हैं
पूछने के लिए आए हैं और हो सकता है कि
2024 का भी कहीं ना कहीं रुख इस रास्ते
में हो देखिए बिहार की जनता इस बार सिंगल
सरकार चाहती है यह पलटूराम वाला पलटना
पलटना पलटना बहुत हो गया सिंगल सरकार जाता
है वो है तेजस्वी यादव ठीक है जिनके पिता
ने कहा था कि मर जाएंगे लेकिन बीजेपी में
नहीं जाएंगे व एसवी यादव ने कहा है कि मर
जाएंगे तो बीजेपी में नहीं जाएंगे
ठीक बाकी है हां खेला बाकी है भैया
विधानसभा भंग होगा विधानसभा भंग होगा
एक एकदम होगा एकदम होगा जो मनीष कसप ने
कहा था 180 दिन में सरकार गिरेगा ठीक है
तो वो सरकार किसी ना किसी कारण गिरा ठीक
है किसी ना किसीन काहा लेकिन तेजस्वी यादव
जो बोले
हैं तेजस्वी यादव ने कहा है कि अभी खेला
बाकी है तो वाक में खेला बाकी है खेला
होके रहेगा हो के रहेगा जल्दी से बताए
क्या कहना मेरा दोस्त दिल्ली से कॉल किया
था बोला हमारे यहां की लड़की क तो सीएम
बेवफा है जी कैसे बिहार चलेगा हम कहना
चाहते हैं सीएम बेवफा है बिल्कुल बेवफा है
जी नौ ब भाग गया गर्लफ्रेंड ने भागते हुए
किसी की नौ बेर यहां तो सेम भाग जाता है
नौ बेर दुख है बहुत ज्यादा बहुत ज्यादा
दुख हो रहा है हम बता रहे कैमरे पर क्या
कहना चाहते हैं हम यही कह रहे हैं कि
चलेला बिहार में हमर शासन है गोरी ना तेस
यादव तो छूत प्रशासन गोरी तेस जो है ना
उसके सामने में नितीश कुमार एक मिनट नहीं
टिकेगा 25 में अच्छा अब पिछ र है कौन
चिराग पसवान के तो लोग नाम नहीं लेते हैं
जी उसका नाम क नहीं लेते हैं वो कहां
जाएगा वो जी ये बताइए देश का सबसे बड़ा
चुनाव होने जा रहा है उसको लेकर के भी कुछ
सोच रहे
हैं मोदी आएगा अच्छा मोदी
आएंगे में सिंगल आरजेडी आएगा 2025 में
आरजेडी आएगा 2025 में आरजेडी आएगा को
आरजेडी ला आरजेडी तो गठबंधन
आएगा गठबंधन से बनेगा जैसे ही बने आरजेडी
आएगा तो लाठी को जोर बना देंगे जी भैया
बात चल रही है आप बताइए जी थोड़े से आगे
आइए जी कहना चाहते खड़े सवाल हो रहे मुझे
लगता है इतना आसान मुख्यमंत्री की शपथ
थोड़ा सा शांत तो हो जाए आराम तो मिला शपथ
को लेकर के नीतीश कुमार को पर अब ऐसा लग
रहा है कि मुसीबत ज्यादा जनता के बीच में
आने से हो जाएगी कि भैया इतना पल्टी काहे
खा रहे हैं और मार रहे हैं बताए मेरा जनता
से भी अनुरोध है हाथ
जोड़कर मेरा जनता से भी अनुरोध है हाथ
जोड़कर और अपने नीतीश चाचा से भी अनुरोध
है हाथ जोड़कर तर का कार्यक्रम व बंद करें
बिहार की आपको तो बीजेपी का प्रवक्ता
बताया
प्र हमें गलत ही जानकारी दे रहे हैं बताए
हाथ जोड़ के विनती है उनसे इससे बिहार के
समाज की बदनामी होती है जनता की बदनामी
होती है बाहर में लोग बहुत मजाक उड़ाते
हैं बिहार का जोड़ के विनती है उनसे इससे
बिहार के समाज की बदनामी होती है जनता की
बदनामी होती है बाहर में लोग बहुत मजाक
उड़ाते हैं बिहार का तो हाथ जोड़ के
निवेदन है कि अब जो भी कर
लान अब इस तरह कोई दूसरा कार्य कर जिससे
हम लोग को अफसोस हो कि हम लोग बिहार में
रहते हैं मतलब आप कह रहे बिहार की जनता को
बहुत आहत हो रही है ये चीज पीछे जा रहा है
बिहार बहुत ज्यादा टोन सुनने को मिलता है
बाहर के लोगों से कि आप बिहार से हो नीतीश
कुमार के यहां से अरे वो तो पलटू तो मैं
हाथ जोड़ के नीतीश जी से निवेदन करना
चाहता हूं कि इसको अपने जीवन का आखिरी
डिसीजन मान लीजिए आप जहां है वहां खुश
रहिए सुरक्षित रहिए अच्छे से रहिए बिहार
का देश का विकास करते रहिए इस तरह का
कार्य करके हम लोग अपमानित महसूस करते हैं
बहुत बहुत अंदर से तकलीफ होती है तो मतलब
पुन फिर से अनुरोध है बिहार जो आपने
डिसीजन लिया है उसको सीना ठोक करके उसी पर
रुके
रर रहिए भाजपा है तो वही रहिए उही रहि फिर
आरजेडी में कह लाग जनता से बिहार की भी
जनता से एक निवेदन है आने वाले चुनाव में
या तो वो पक्ष बनाए या तो विपक्ष बनाए
मतलब एक को चुने थिएटर को पार्टी दो ही
होनी चाहिए पब्लिक डिसीजन ले कि पक्ष
सुनेगी या विपक्ष सुनेगी वोट दो ही दो ही
दल को करे तीसरे को इस तरह का काम करके
बारबार अपमानित बिहार के जनता भी ना हो ये
मेरी विनती है ये दिल से बातें निकल रही
है तभी बोल रहे हैं आप बताइए आप बताइए
क्या कहना चाहते हैं कुछ बोलना चाहते हैं
देख ये एक मिनट सुन लीजिए भाजपा को
नरेंद्र मोदी को नीतीश कुमार से डर हो गया
था इसलिए डर हो गया था कि इंडिया एलायंस
को इस मोड़ पर लाकर खड़ा किया था कि
इंडिया एलायंस का सूत्रधार माने जाते थे
नीतीश कुमार थोड़ा सा गलतिया कांग्रेस से
हुई है क्योंकि वो अपना नाम मिटाने के लिए
चले गए हैं अगर पहले मीटिंग में नीतीश
कुमार का नाम अगर घोषित कर देते तो आज
भाजपा का कहीं ना कहीं कहीं ना कहीं डर था
ठीक है ये सब कुछ नहीं है नीतीश नीतीश
नीतीश कुमार को नीतीश कुमार को समझना हमको
लगता है कि इस देश का कोई नागरिक उसको
नहीं समझ सकता चलिए वो कह रहे भया गलती
भारत जा कांग्रे नहीं गलती कांग्रेस से
हुआ गलती राहुल गांधी से हुआ क्योंकि
इंडियाना चाहिए था कांग्रेस कांग्रेस
नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री का चेहरा
घोषित कर देना चाहिए था प्रधानमंत्री का
हां क्योंकि इंडियाला को जोड़ने वा
प्रधानमंत्री का चेहरा होना चाहिए नितीश
कुमार
कोई सुनिए आधर आधर स्टेट में को जानता ही
नहीं है नितीश कुमार को आधार स्टेट में
कोई नहीं जानता इसको नीतीश कुमार को तो
आपको तो खुशी होनी चाहिए कि नीतीश कुमार
अगर खुशी कभी यहां कभी वहां र त विश्वा
नहीं केजरीवाल है सबसे बढ़िया पीएम का
कैंडिडेट चलिए भैया ब बातें यहां से निकल
रही है आप बताइए क्या कहना चाहते उन्होने
अपनी बात को यहां पर रखा है अभी तो नीतीश
कुमार मुख्यमंत्री थे तो इतना पलटू मार
रहे हैं ये बताइए स्वागत करना चाहेंगे
उनका बधाइयां देना चाहेंगे क्या क स्वागत
नहीं करना चाहेंगे इसलिए कि इतना पलटू मार
रहे हैं अभी बिहार में पलटू मार रहे हैं
जब प्रधानमंत्री बन जाएंगे तो क्या पता
किसी को देश को पलटी मार दे तो फिर क्या
होगा इसलिए जनता डर रही प्रधानमंत्री नहीं
चाहते नहीं चाहते इसलिए नहीं चाहते हैं कि
विपक्ष का चेहरा बने वो प्रधानमंत्री का
नहीं बिल्कुल नहीं चाहते
वो बहुत बहुत समझदारी की है उसको ना लेके
वाक गलती कर ये जो है नहीं वो बहुत अच्छा
किया है कि इसको नहीं लिया साथ में इसलिए
कि बिहार में पहले कई मर्तबा पलटी मार
चुके हैं फिर पलटी मार चुके हैं अब बिहार
में इस तरह कर रहे हैं अब आगे फिर जाके
प्रधानमंत्री बनेंगे तो फिर देसी को पलटी
मार देंगे तो फिर जनता कहां जाएगी वो कह
रहे हैं प्रधानमंत्री अगर बनेंगे तो फिर
तो हमें बहुत अलर्ट रहना पड़ेगा कि कब
क्या ना हो जाए आप बताइए आपकी उम्र कितनी
है मेरी 21 21 है तो बताइए वैसे तो जोश के
साथ खड़े हैं आगे उम्र कम बेशक हो य अकेले
खड़े हैं इसीलिए जोश के साथ खेता वैसे
भगवा पहना हुआ है आपने मेरा एक लाइन कहना
है कि अपने-अपने किरदारों पर पर्दा डालकर
कुछ लोग कहते हैं चाचा गलत है ठीक है अभी
देखिए क्योंकि अभी लोकसभा का चुनाव आया है
और लोकसभा के चुनाव में बीजेपी को फायदा
हो जाएगा फायदा तो होगा ही ओबवियसली होगा
ही और हो सकता है कि आने वाले लोकसभा
चुनाव के बाद 25 में विधानसभा का चुनाव है
फिर आपके पास चले जाएंगे फिर यही लोग
गुणगान करेंगे चाचा का ठीक है तो कुर्सी
के लिए यह राजनीति
है नहीं बिल्कुल गलत नहीं है राजनीति में
राज के लिए नीति अदला बदला जा सकता है
होता कोई दिक्कत
इसीलिए नहीं इनका भी
निधन तो बिहार का क्या होगा बिहार में
बिहार का विकास के बारे में नहीं सोचना
सिर्फ पल्टी मारने के बारे में सोचना
तुम्हारा कहना है बिहार को विकास चाहिए तो
किसी एक का सरकार चाहिए एक का सरकार कोई
भी पार्टी सरकार बनाए अकेले ब बना बनाएगा
बिहार का त विकास
होगा अब सुनिए हां एक का ही सरकार चाहिए
अरे सुन लीजिए किसी एक का सरकार चाहिए अभी
छोड़िए ना अभी देखिए ना अभी देखिए ना अभी
क्या अभी चल रहा है 20 साल में बचा थे
आपना 20 साल में बचा थे 20 साल में बचे थे
बड़े हुए कि नहीं हुए बदलना चाहिए
ों आप सुन
लीजिए लीजिए एक मिनट एक मिनट एक मिनट मिनट
रुक जा रुक जाइए रुक जाइ एक पक्ष का सरकार
चाहिए अभी जदयू बीजेपी में जदयू अरे रुक
जा अरे रुक
जा जा
दियो 15 महीने में तेजस्वी ने बहुत
नौकरिया दी है 15 महीना में हां कोई नहीं
दिया 15 महीना में हां 15 महीना में हां
दिया है हां दिया 15 महीना में 3 लाख
सरकारी नौकरिया न नौकरी एक मिनट एक मिनट
मिनट अरे एक मिनट एक मिनट एक मिनट एक मिनट
नौकरी नौकरी तो
दिए नौकरी जो तेजस्वी जी दिए हैं नौकरी जो
तेजस्वी जी दिए वो कोई घर से दिए हैं क्या
हमारा जो टैक्स का पैसा सीट खाली है उसमें
गवर्नमेंट कोई सा भी आए मोदी जी भी दो
करोड़ बोले थे नहीं दिए थे व भी अपना घर
से तो नहीं दे नौकरी आएगी
नीतीश कुमार जब इलेक्शन में आए थे तो बोल
रहे थे कि पैसा नहीं है पैसा नहीं है जब
आए साथ में तो कहां से पैसा आ गया मिनट आप
सुन लीजिएगा मेरा मेरा सुन
लीजिएगा नीतीश कुमार जब इलेक्शन में थे तो
बोल रहे थे कि पैसा नहीं है केंद्र में
राज्य में तोब अब आप साथ में आए थे कैसे
कैसे पैसा आया बात हुआ ना नौकरी नौकरी
नौकरी देना अच्छी बात है लेकिन क्वालिटी
वाला नौकरी चाहिए नौकरी नौकरी चाहिए क्यों
क्योंकि बीजेपी से भी यही
सुज पले
सुने अ सुनने का क्षमता
देखिए दिए तो लालू जादव भी 7 लाख नौकरी से
बिहार में शिक्षा व्यवस्था देख रहे हैं
क्या स्थिति
है रेलवे में हर साल वैकेंसी निकलता बहुत
संख्या में ठीक है ना लेकिन एलपी के केंसी
500
है जब की बात आ जब की बात आ तो आप आवाज
दूसरा बदल अरे रोजगार की बात
केंद्र सरकार कितना रोजगार
दियाल
क्या बीजेपी वा बोल रहे क्या कर रहे
बीजेपी वाला कितना
दिया
रोग मंदिर मस्जिद के बाद अ कर रोटी भी
जरूरी होता है उसके
लिए प्रधान बो गलत बोल मुख्यमंत्री बन रहे
तो क्या एक्सपेक्टेशन है
आपकी नहीं खत्म हो गया ना नीतीश कुमार का
क्रेडिबिलिटी बिहार में खत्म हो गया
है अब इनसे कोई किसी कोई भी जनता को जो है
इनसे किसी प्रकार की आशा नहीं है अच्छा अब
है ही नहीं विश्वास ू पूरा और इसके
साथ-साथ भाजपा ने भी अपनी क्रेडिबिलिटी खो
दी और 2024 के चुनाव में भाजपा के साथ-साथ
जदू का भी जो है पतन होगा बिहार मेंब आप
कह रहे हैं कि अगर जो समर्थक भी है बीजे
वो भी नहीं देंगे हां वो भी नहीं देंगे
वोट बीजेपी को क्योंकि क्योंकि अगर देश का
गृह मंत्री आकर बोलता है यहां कि हम जो है
हम जो
है हम जो है किसी भी स्थिति में नीतीश
कुमार के लिए सारे दरवाजे बंद है नहीं
लेंगे और व दूसरे दिन कुछ ही दिन में जो
है उनका बयान बदलता है और उनका वेलकम करते
हैं कि नीतीश मेरे साथ आइए बीी को बन
रहना चाहिए क्यों आप जो है इस प्रकार है
जनता को बेवकूफ बनाने का काम कर
रहे बीजेपी का पहले समर्थक था अब
नहीं क्या रेलवे स्टेशन पर हो रहा है ऐसा
लग रहा है
मुझे यह य है जो तेजस्वी के नारे लगा रहे
हैं कुमार को ले बा चल रही हैं देखिए जरा
यह रेलवे जंक्शन है जहां पर ऐसी चीजें चल
रही है अब आप देखिए कि बिहार की राजनीति
कितनी बड़ी रहने वाली है आने वाले समय में
ऐसे ही दिखाते रहेंगे फिलहाल के लिए
नमस्कार
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